कैसे होंगे खिलाड़ी तैयार: मैदान देखा नहीं और बन गए खेल शिक्षक

इंदौर।

नई शिक्षा नीति के तहत हर विद्यालय में खेल शिक्षक होंगे। इसी के चलते शिक्षा विभाग ने खेल शिक्षक तैयार किए हैं। भोपाल में पांच दिन खेल की विधा सीखने वाले शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर बना दिया, अब ये अन्य शिक्षकों को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। इंदौर में संभागीय स्तर खेल शिक्षकों को प्रशिक्षण का आयोजन 2 से 15 मई तक शासकीय उत्कृष्ट बाल विनय मंदिर में किया जा रहा है। दूसरी ओर खेल विधा में महारथ रखने वाले शिक्षकों का आरोप है कि जिन्होंने कभी मैदान नहीं देखा उन्हें मास्टर ट्रेनर्स से लेकर खेल शिक्षक बनाया जा रहा है।

प्रशिक्षण शिविर को लेकर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण इंदौर अनिल वर्मा ने एक आदेश भी जारी कर दिया है। इस आदेश के साथ ही उन्होंने अलग-अलग समितियां भी बनाई हैं। इन समितियों को आयोजन के दौरान अलग-अलग व्यवस्थाएं सौंपी गई हैं। जिसमें कंट्रोल रूम, परिवहन व्यवस्था, पंजीयन समिति, भोजन परीक्षण समिति, चिकित्सा व्यवस्था समिति, अनुशासन समिति, आवास व्यवस्था और खेल मैदान व्यवस्था समिति है। कार्यशाला में संभाग के 100 खेल शिक्षक भाग लेंगे। एथलेटिक्स, बेडङ्क्षमटन, बास्केटबॉल, हैंडबॉल, फुटबॉल, हॉकी, जूडो, कबड्डी, कराते, खो-खो, टेबल टेनिस सहित 14 प्रकार के खेलों का प्रशिक्षण देंगे।

शिक्षकों में आक्रोश

इधर, डिप्लोमाधारी और खेल में इंदौर का नाम रोशन करने वाले शिक्षकों में आक्रोश है। उनका आरोप है कि क्रीड़ा विभाग के अधिकारियों ने मिलीभगत कर ऐसे शिक्षकों को खेल शिक्षक बनाया है जिन्होंने कभी क्लास रूम से बाहर निकलकर खेल मैदान तक नहीं देखा। जबकि इंदौर शिक्षा विभाग में डिग्रीधारी और डिप्लोमाधारी व मैदान में अपना खेल कौशल दिखाने वाले शिक्षक बड़ी संख्या में मौजूद हैं, लेकिन इसके बाद भी भोपाल में पांच दिनी मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण में विषय पढ़ाने वाले शिक्षकों भेजा गया।

खेल विधा से जुडे शिक्षकों का कहना है कि पांच दिन में कैसे शिक्षक खेल विधा के विशेषज्ञ होकर मास्टर ट्रेनर बन जाएंगे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि संभाग स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कैसा होगा और किस प्रकार खेल शिक्षक तैयार होंगे। वहीं सरकारी स्कूलों में कैसे खिलाड़ी तैयार होंगे।



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