
नई दिल्ली पर सड़क की लड़ाई अब संसद तक पहुंच चुकी है। संसद का बजट सत्र शुरू होते ही विपक्षी दलों ने किसानों की मांगों पर सरकार से सवाल पूछने शुरू कर दिए। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने के बाद दूसरे दिन बजट पेश करने के दौरान भी विपक्षी दलों ने सदन में नारे लगाए। विपक्ष ने विरोध का सिलसिला आज तीसरे दिन भी कायम रखा है। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने जब कहा कि वो इस मुद्दे पर कल चर्च करवाएंगे तो सांसद सदन से वॉकआउट कर गए। बाद में सदन में खूब हंगामा हुआ और पहले 10.30 बजे तक और फिर 11.30 बजे और फिर 12.30 बज तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। उधर, दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर पर किसानों का धरना-प्रदर्शन 69वें दिन भी जारी है। सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा पहरे में कोई कमी नहीं आई है। वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। हम आपको किसान आंदोलन और संसद की कार्यवाही, दोनों से जुड़ा हर बड़ा अपडेट यहां देते रहेंगे... गाजीपुर बॉर्डर 'किले' में तब्दील गाजीपुर बॉर्डर पर 6 लेयर की बैरिकेडिंग लगा दी गई है, गाजियाबाद आने-जाने में लोगों को परेशानी हो रही है। किसान आंदोलन के चलते दिल्ली की सभी बॉर्डर पर भारी सुरक्षाबल तैनात है। सिंघु बॉर्डर पर भी किसानों के आंदोलन के चलते भारी पुलिस बल तैनात है। राज्यसभा की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने आज सुबह संसद में कहा- 'मैंने दोहराया है कि कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा की गई थी। यह गलत धारणा बन रही है कि कोई चर्चा नहीं हुई। इस संबंध में लोगों के अपने तर्क हो सकते हैं लेकिन हर पार्टी ने सुझाव दिए थे। लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित करनी पड़ी। आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, "सदन में सबसे पहले तीनों काले कानून वापस लेने पर चर्चा होनी चाहिए। यहां अगर हम किसान के मुद्दे नहीं उठा सकते तो सदन चलाने का मतलब क्या है।" उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में किसानों के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक में भाजपा हिस्सा नहीं ले रही है। NCP का सवाल- बजट या बीजेपी का घोषणा पत्र? टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रे और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह बीजेपी का घोषणा पत्र लगता है। उन्होंने कहा, "कल जब बजट पेश हुआ तो लोगों के मन में सवाल खड़ा हुआ कि ये देश का बजट है या भाजपा का घोषणा पत्र। जिन राज्यों में चुनाव है वहां योजनाओं का ऐलान किया गया। भाजपा की राजनीति चुनावी राजनीति है, सरकार का उपयोग चुनाव के लिए किया जाता है। इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता।" वैकल्पिक रूट लेने का सुझाव दिल्ली आउटर रेंज के अडिशनल सीपी ने बताया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से गाज़ीपुर बॉर्डर को ट्रैफिक की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। उन्होंने लोगों को आनंद विहार, चिल्ला, DND, अप्सरा, भोपरा और लोनी सीमाओं से वैकल्पिक रास्ता लेने का सुझाव दिया।
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