एक आइडिया जिसने बदल दी जिंदगी, छोटी सी बात पर अमल करते हुए खड़ा किया बड़ा कारोबार

इंदौर। भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया योजना की पहल की शुरूआत 2016 में की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप को बढ़ावा देना, रोजगार पैदा करना और धन सृजन करना रहा। ऐसे में इस योजना ने देश के अनेक युवाओं को आकर्षित किया। जिसके बाद वे इस योजना के तहत जुट गए।

वहीं अब ऑटो शो में बड़ी कंपनियों के साथ युवाओं के स्टार्टअप वाली कंपनियों ने भी ध्यान खींचना शुरु कर दिया है। ये स्टार्टअप छोटी शुरुआत के बाद अब बड़ा प्रॉफिट कमा रहे हैं। इनमें से कई के बनने की कहानी अत्यंत दिलचस्प है। इनमें से कई ने छोटी-छोटी समस्याओं को दूर करने के लिए आए आइडिया से पहला कदम उठाया और बेहतर प्लानिंग की जिसकी बदौलत आज ये कॉर्पोरेट जगत में उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

जानिए, आइडिया पर काम करने वाले युवाओं के बारे में-

77 लाख की बेच चुके ई-साइकिल: हाइटेक इलेक्ट्रिक कंपनी के डायरेक्टर कुणाल दोशी ब्रिटेन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करके लौटे। करीब 18 लाख रुपए में जनवरी में इलेक्ट्रिक साइकिल का बिजनेस शुरू किया। अब तक वे 77 लाख रुपए की ई-साइकिल बेच चुके हैं। इस कारोबार में दोस्त संयम जैन भी शामिल हैं। कुणाल ने बताया कि ब्रिटेन में फाइनल ईयर में इलेक्ट्रॉनिक पर प्रोजेक्ट था। वहीं का अनुभव बिजनेस में यूज किया।

इंटरव्यू के दौरान आया बाइक बैग का आइडिया: राहगियर के सुजय कटारिया को इंटरव्यू देते जाते समय बिजनेस आइडिया आया। बाइक पर लैपटाॅप ले जाने में परेशानी आई तो बाइक बैग बनाने के बारे में सोचा। 2021 में दोस्त वैशाली कटारिया के साथ बिजनेस शुरू किया।

सुजय ने बताया कि वे पहले प्रोडक्ट डिजाइनिंग की नौकरी करते थे। कोरोनाकाल में नौकरी छोड़ी और अपना काम शुरू किया। दिनभर बैग लेकर चलने बैक पेन होता है। हमने 15 इंच का लैपटॉप बैग, स्टेश बैग, टेंग बैग बनाया। लैपटॉप बैग को बाइक पर आसानी ने बांधा जा सकता है। स्पीड में बैग गिर भी जाता है तो लैपटॉप को नुकसान नहीं होता है।

नौकरी छोड़ शुरू किया अपना काम: राइड-प्रो के अनीस खान पुणे में साॅफ्टवेयर कंपनी में काम करते थे। पत्नी साम्या खान फैशन डिजाइनर थीं। एक बार भानजी को कार सिखाने का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे। ड्राइविंग स्कूल भेजा तो कार टकरा गई। इसके बाद ड्राइविंग लर्निंग ऐप बनाकर बिजनेस शुरू किया। साम्या खान ने बताया कि 15 दिन पहले शुरू किए बिजनेस में करीब 30 लाख की लागत आई। ऐप के माध्यम से जानकारी देने के लिए अनुभवी ड्राइवर रखे हैं। ऐप से लोगों को पता चलता है कि वे कितना सीखे हैं और क्या-क्या गलतियां की हैं।

एडवेंचर के शौक को बनाया बिजनेस: मार्क्समैन के कुतुब काजी ने एडवेंचर के शौक से जुड़े रहने के लिए एडवेंचर ट्राॅली बनाई। इसे एसयूवी कार के साथ कहीं भी ले जा सकते हैं। शुरुआत 2021 में की थी, जिसमें भाई समीर काजी और दोस्त सुर्यांश सोमानी का साथ मिला। कुतुब ने बताया कि शुरुआत 20 लाख रुपए से की थी। भाई मैकेनिकल इंजीनियर हैं। उनसे काफी मदद मिली।

हर माह बेचते हैं 40 लाख की ई-साइकिल: नेक्सजू के पुणे निवासी विनय निगम की ई-व्हीकल में दिलचस्पी रही है। वर्ष 2021 में ई-साइकिल का बिजनेस शुरू किया। अब हर माह करीब 40 लाख की ई-साइकिल बेच देते हैं। कंपनी का सालाना टर्न ओवर करीब 50 करोड़ रुपए तक पहुंच रहा है। इनके साथ सागर मिश्रा, राहुल सिन्हा सहित करीब 20 लोग हैं।

सक्सेस टिप्स
हर किसी के पास नए आइडिया होते हैं। बेहतर प्लानिंग के साथ उस पर काम किया जाए तो भीड़ से अलग जगह बनाई जा सकती है। (स्टार्टअप वाले युवाओं से बातचीत का सार)



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/I8o7WtA
Previous Post Next Post