सर्विस सेंटर की होगी जांच, बोरवेल और नर्मदा का पानी मिलने पर होगी कार्रवाई

इंदौर। शहर में गाडी़ धोने वाले वॉङ्क्षशग सेंटर की जांच नगर निगम करेगा। अगर कहीं पर बोरवेल या फिर नर्मदा का पानी गाड़ी धोने में उपयोग करते पाया गया तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी। वॉङ्क्षशग सेंटर की जांच के लिए निरीक्षण क्षेत्रीय बिङ्क्षल्डग अफसर (बीओ) और इंस्पेक्टर (बीआई) करेंगे। साथ ही ट्रीट वाटर का उपयोग करने का वॉङ्क्षशग सेंटर संचालक से कहेंगे। ऐसा न करने पर दुकान को सील कर दिया जाएगा।

भू-जल सरंक्षण को लेकर अभियान शहर में चलाया जा रहा है। इसके तहत रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाने पर जोर दिया जा रहा है। अभियान के तहत शहर में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाने को लेकर आम लोगों के साथ-साथ अन्य संस्थाओं को जागरूक किया जा रहा है ताकि बरसात के पानी को जमीन में उतारकर गिरते भू-जल के स्तर को बढ़ाया जा सके।इसके लिए निगम शैक्षणिक संस्था, शासकीय बैंक, होटल, धर्मशाला, मैरेज गार्डन, धर्म स्थानो, औद्योगिक क्षेत्र, हॉस्पिटल, सार्वजनिक कुएं, बावडिय़ों एवं तालाब में जल पुनर्भरण एवं जलसंवर्धन से संबंधित कार्य को लेकर योजना बनाकर काम कर रहा है। इधर, निगम बिङ्क्षल्डग परमिशन शाखा में 1 से 19 जोन पर तैनात बीओ-बीआई को अपने-अपने क्षेत्र में संचालित होने वाले कार और दो पहिया वाहन वॉङ्क्षशग सेंटर पर कार्रवाई करने का कहा गया है। वॉङ्क्षशग सेंटर में बोङ्क्षरग या फिर नर्मदा का पानी उपयोग करने पर यह कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि इस पानी के उपयोग पर निगम ने प्रतिबंध लगा दिया है। गाडिय़ां धोने के लिए ट्रीट वाटर का उपयोग करना सुनिश्चित किया गया है। ऐसा न होने पर वॉङ्क्षशग सेंटर को सील कर दिया जाएगा।



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