किसानों को मनाने की कवायद तेज: सरकार ने आज मुलाकात के लिए बुलाया, क्या बनेगी बात?

नई दिल्ली नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन () कर रहे किसान संगठनों के साथ गतिरोध तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने एक और कोशिश की है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर () ने किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसंबर की जगह आज ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। केंद्रीय मंत्री का ये प्रस्ताव बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद आया। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं। नए कृषि कानून के खिलाफ 5 दिनों से धरने पर हैं किसान आंदोलन कर रहे किसानों ने कहा कि वे सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे। साथ ही चेतावनी दी है कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गों को बंद कर देंगे। किसानों को नए कृषि कानूनों के बारे में आशंका है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा। इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना वायरस और सर्दी को ध्यान में रखते हुए हमने किसान यूनियनों के नेताओं को 3 दिसंबर की बैठक से पहले ही चर्चा के लिए आने का न्यौता दिया है। यह बैठक आज ही दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर बाद तीन बजे बुलाई गई है। इसे भी पढ़ें:- कृषि मंत्री बोले- सर्दी और कोरोना वायरस को देखते हुए आज बुलाई गई बैठककेंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब कृषि कानून लाया गया, तो इसने किसानों के बीच कुछ गलतफहमी पैदा की। हमने 14 अक्टूबर और 13 नवंबर को किसान नेताओं के साथ दो दौर की वार्ता की है। उस समय भी हमने उनसे आग्रह किया था कि वे आंदोलन के लिए नहीं जाएं और सरकार वार्ता के लिए तैयार है। 13 नवंबर को हुई बैठक में शामिल सभी किसान नेताओं को इस बार भी आमंत्रित किया गया है। जिससे तीन नए कृषि कानूनों से उपजी किसानों की चिंताओं को दूर किया जा सके। किसान संगठन के नेताओं के साथ पहले भी हुई बैठक इस बीच कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने 32 किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों को पत्र लिख कर आज की बैठक में चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। अग्रवाल ने जिन संगठनों को पत्र लिखा है उनमें क्रांतिकारी किसान यूनियन, जम्मुहारी किसान सभा, भारतीय किसान सभा (दकुदा), कुल हिंद किसान सभा और पंजाब किसान यूनियन शामिल हैं। इससे पहले 13 नवंबर को हुई बैठक बेनतीजा रही थी। कृषि विधेयक के संबंध में कई भ्रम फैलाए जा रहे: रविशंकर प्रसाद किसानों की ओर से नए कृषि कानूनों का विरोध जारी रहने के बीच बीजेपी ने उनसे खास अपील की है। पार्टी ने कहा कि इन सुधारों को लेकर 'गलतफहमी' में नहीं रहें। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कई ट्वीट कर कुछ किसान संगठनों और विपक्षी दलों की ओर से इन कानूनों की आलोचना का खंडन किया। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून कृषि उत्पाद बाजार समिति मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आजादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा, वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।


from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News in Hindi https://ift.tt/36pn9Fw
Previous Post Next Post