
इंदौर। परंपरागत पेट्रोल-डीजल वाहनों का उपयोग घटाने को लेकर सरकार लगातार अलख जगा रही है। इनके विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। लगता है नई पीढ़ी सरकार के इस विचार और समय की जरूरत को अपना आकर्षण बनाने लगी है। आंकड़े बताते हैं कि इंदौर में भी ईवी और हाइब्रिड वाहनों की बिक्री गति पकड़ रही है। त्योहारी सीजन में इसमें और इजाफा देखने को मिल सकता है। बाजार भी इसी उम्मीद के अनुरूप खुद को तैयार कर रहा है।
ईवी की तुलना में हाइब्रिड वाहन ज्यादा लुभा रहे हैं। पेट्रोल हाइब्रिड कार में यह वृद्धि 600त्न से ज्यादा है। पिछले साल सितंबर तक इंदौर में मात्र 368 हाइब्रिड कारें रजिस्टर्ड हुई थीं, जब कि इस साल यह संख्या 2345 तक हो गई है। ऑटोमोबाइल सेक्टर के जानकारों का कहना है कि इसकी वजह हाइब्रिड कारों में इलेक्ट्रिक मोटर के साथ इंटरनल कंबक्शन इंजन होने से दोनों एक साथ या अलग-अलग काम करने से ऑपरेशन में आसानी होती है। इन कारों को अलग से चार्ज नहीं करना होता है। माइलेज बेहतर है। हालांकि इन कारों के रेट अन्य कारों की अपेक्षा ज्यादा हैं, लेकिन युवा पीढ़ी के लिए अफॉर्डेबल है। हाइब्रिड टेक्नोलॉजी में इंटर्नल सिस्टम के जरिए ही बैटरी चार्ज होती है, इसलिए बैटरी को रिचार्जिंग की जरूरत नहीं पड़ती। जब बैटरी गाड़ी को ऑपरेट करती है तो उस समय फ्यूल कंजम्पशन कम होता है, इसलिए इसका माइलेज ज्यादा होता है। यह पर्यावरण के लिए भी अच्छी तकनीक मानी जा रहे है।
अब तक ९००० से ज्यादा ईवी रजिस्टर्ड
आरटीओ के वाहन पोर्टल के अनुसार इंदौर में 9000 से ज्यादा ईवी रजिस्टर्ड हो चुके हैं। पिछले साल इसी अवधि में 4340 हुए थे। इसमें कारों की संख्या 150 से 310 हो चुकी है। ऑटोमोबाइल कारोबारी विपिन बाहेती कहते हैं कि हाइब्रिड कारों ने एक दम से रफ्तार पकड़ी है। पिछले साल अक्टूबर के बाद से ही इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
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