मतलब हमारे यहां की हवा पूरी तरह श्वसन लायक है। पत्रिका ने मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो धूल के गुबार शहर की हवा को प्रदूषित कर रहे हैं। 30 अगस्त को एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 117 रहा। मौसम विभाग ने हवा का मापदंड 6 कैटेगरी में रखा है। इसके मुताबिक, 100 से ऊपर का आंकड़ा मॉडरेट है। यानी स्थिति परेशानी वाली है।
डॉ. ओपी जोशी, पर्यावरणविद् का कहना है कि विकास के लिए विध्वंस में यदि उचित सावधानी नहीं रखी जाए तो धूल के गुबार हवा दूषित करते हैं। इस समय सड़कों की मरम्मत और मेट्रो का काम चल रहा है। इसकी वजह से तोड़फोड़ हो रही है। शहर की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई है। यहां धूल उड़ रही है। इन पर नियंत्रण की आवश्यकता है।
मापदंड की 6 कैटेगरी
401 से 500: सीवर
301 से 400: वैरी पुअर
201 से 300: पुअर
101 से 200: मॉडरेट
51 से 100: सेटिसफेक्टरी
शून्य से 50: गुड
हवा का सालाना एवरेज
वर्ष एक्यूआइ श्रेणी
2020-21— 91.49— सेटिसफेक्टरी
2021-22— 121.57— मॉडरेट
2022-23— 101.78— मॉडरेट
वर्ष 2023 में एक्यूआइ का मासिक आकलन
जुलाई- 60.70
जून- 81.48
मई-76.84
अप्रेल-91.25
अगस्त 2023 के 6 दिन में एक्यूआइ
30 अगस्त-117
29 अगस्त- 115
28 अगस्त- 124
27 अगस्त- 145
26 अगस्त-106
25 अगस्त -103
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