इंदौर. आज सुबह पूरा शहर पानी-पानी हो गया, क्योंकि सुबह 5.30 बजे से जोरदार बरसात शुरू हुई। आधे घंटे तक एक जैसा पानी गिरने पर शहर के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनने लगी। इसके साथ ही जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए न तो नगर निगम की तैयारी नजर आई और न ही पानी निकासी को लेकर अफसर मैदान में उतरे। लगातार दो घंटे तक तेज बरसात होने के चलते शहर की कई कॉलोनियों में लोगों के घरों में पानी भर गया और सडक़ें तालाब बन गईं। इनमें से वाहन निकालने के लिए चालक परेशान हुए और उनके वाहन अलग बंद होते रहे। जलभराव होने से लोग परेशान होते रहे। इधर, बरसात के चलते नदी-नाले उफान पर आ गए और तालाबों का जलस्तर भी बढ़ गया है।
आज सुबह 5.30 बजे से जोरदार बारिश शुरू हुई। लगातार दो घंटे यानी 7.30 बजे तक तेज बारिश होती रही। इसके चलते शहर के पश्चिम क्षेत्र में जहां ढाई इंच तक बरसात हुई, वहीं पूर्वी क्षेत्र में तीन इंच तक पानी बरसा। तेज बरसात होने से पूरा शहर पानी-पानी हो गया, क्योंकि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं बचा जिसमें पानी न भरा हो। मुख्य मार्ग से लेकर कॉलोनी-मोहल्लों की सडक़ें तालाब बन गई थीं।
नगर निगम के पानी निकासी को लेकर उचित व्यवस्था न करने पर रोड पर ढाई से तीन फीट तक पानी भर गया। ऐसे में वाहन चालक बहुत परेशान हुए, क्योंकि पानी में वाहन बंद हो रहे थे। इसके साथ ही सडक़ों पर पानी भरने पर निकासी की कोई उचित व्यवस्था न होने से लोगों के घरों में बरसात का पानी भर गया। साथ ही सडक़ पर खड़े वाहन अलग डूब गए।
गौरतलब है कि शहर में पहले हुई बरसात के दौरान भी कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बनी। यह देखने के बावजूद निगम के अफसर नहीं जागे और आज सुबह फिर शहर में हालत बदतर हो गए। गनीमत है कि दो घंटे पानी बरसकर बंद हो गया। अगर लगातार गिरता रहता तो शहर में दिल्ली जैसे हालत हो जाते और लोगों को घरों से निकालने के लिए नाव चलाना पड़ती।
पेड़ गिरकर टिका मकान पर
बारिश की वजह से मनीषपुरी में आज सुबह एक पेड़ गिर गया है। पेड़ गिरने के बाद मकान पर आकर टिक गया। इस कराण कोई जनहानी हुई है। पेड़ गिरने की सूचना निगम कंट्रोल रूम पर रहवासियों ने दी है।
इन क्षेत्रों में भराया पानी
इधर, बरसात के चलते कान्ह और सरस्वती नदी सहित छोटे-बड़े नाले अलग उफान पर आ गए। कबूतर खाना क्षेत्र में तो नदी का पानी रोड पर आने के साथ लोगों के घरों में भर गया। बरसात के चलते जिन क्षेत्रों में जलभराव हुआ, उनमें बंगाली चौराहा क्षेत्र की कॉलोनियां, निरंजनपुर, बड़ी भमौरी, धार रोड पर सिरपुर के आसपास की कॉलोनियों, बाणगंगा क्षेत्र, राजेंद्र नगर के आसपास, कृष्णपुरा छत्री, रसोमा चौराहा, मैकेनिक नगर, अमर विलास होटल के पास, समाजवादी इंदिरा नगर, बीआरटीएस, कैलाश पुरी कॉलोनी, खजराना चौराहा, कलेक्टोरेट, कर्बला पुल, पलसीकर, छावनी, पल्हर नगर, पाटनीपुरा और मालवा मिल आदि कई क्षेत्रों में पानी भर गया। इसे निकालने में लोग लगे रहे, लेकिन निगम के अफसर अलर्ट नहीं हुए।
यशवंत सागर का खोला एक गेट
बरसात के चलते तालाबों का जलस्तर भी बढ़ गया है। यशवंत सागर अपनी क्षमता 19 फीट से साढ़े 18 फीट तक भर गया है। बारिश के कारण तालाब का तेजी से जलस्तर बढ़ता देख सुबह 10.30 बजे एक गेट खोल दिया गया है। इसके पहले डाउनस्ट्रीम के गांव और उज्जैन डेम पर सूचना कर दी गई थी। लगातार हो रही बरसात के चलते बड़ा बिलावली तालाब अपनी क्षमता 34 फीट से 23 फीट 6 इंच, छोटी बिलावली अपनी क्षमता 12 फीट से 4 फीट, बड़ा सिरपुर तालाब अपनी क्षमता 16 फीट से 10 फीट 10 इंच, छोटा सिरपुर अपनी क्षमता 13 फीट से 13 फीट 11 इंच, पिपलियापाला अपनी क्षमता 22 फीट से 12 फीट 4 इंच भर गया है। लिंबोदी अपनी 16 फीट क्षमता अनुसार नहीं भराया और खाली है।
बच्चे पहुुंचे स्कूल, छुट्टी का संदेश देरी से
शहर में भारी बारिश के चलते कलेक्टर इलैयाराजा टी ने आज सुबह स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी, लेकिन आदेश आने से पहले ही अधिकांश बच्चे स्कूल पहुंच चुके थे। इस आदेश के बाद कुछ स्कूल संचालकों ने तो बच्चों को घर भेज दिया, लेकिन कई स्कूल ऐसे भी रहे जिन्होंने आदेश के बाद भी बच्चों को कक्षाओं में बैठाया रखा है। इधर, स्कूलों में बच्चों के टेस्ट भी चल रहे हैं। इसे लेकर आदेश में स्पष्टता नहीं होने से अभिभावक भी परेशान रहे। शहर में बरसते पानी में विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। विद्यार्थियों को लेने स्कूल वाहन अल सुबह ही पहुंच गए और विद्यार्थी घरों से करीब साढ़े 6 बजे ही स्कूलों के लिए निकल गए। सभी स्कूल करीब 7.40 बजे से शुरू हो जाते हैं। चूंकि कलेक्टर का संदेश 7.45 बजे आया। यानी डेढ़ घंटे बाद। इसके चलते अधिकांश स्कूल शुरू हो चुके थे। ऐसे में एमपी बोर्ड के अधिकांश स्कूलों ने तो विद्यार्थियों को घर भेज दिया, लेकिन सीबीएससी के अधिकांश स्कूलों ने छुट्टी नहीं की। शहर के बड़े स्कूलों में शामिल सेंट रेफियल्स, चमेली देवी जैसे कई स्कूल है जिन्होंने कलेक्टर के आदेश के बाद भी स्कूल संचालित किए और बच्चों को कक्षाओं में बैठाए रखा। इधर, जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास का कहना है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए विद्यालयों में अवकाश घोषित किया गया। प्रात:कालीन पाली में यदि कुछ विद्यार्थी उपस्थित हो गए हों तो भी अध्ययन-अध्यापन कार्य स्थगित रखते हुए अन्य कक्षा कक्ष गतिविधि आयोजित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
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