सड़कों की सफाई के लिए इंदौर मॉडल को अपनाएगी दिल्ली सरकार, ये है इंदौर का मॉडल

इंदौर। सड़कों को साफ रखने के लिए दिल्ली सरकार अब इंदौर मॉडल अपनाने जा रही है। शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की सड़कों से कचरा और धूल हटाने के लिए प्लान साझा किया। उनका पूरा प्लान इंदौर मॉडल की तर्ज पर ही है। हालांकि केजरीवाल सफाई का पूरा काम 10 साल के लिए ठेके पर देंगे, जबकि इंदौर में अधिकांश काम नगर निगम खुद करता है। इसकी मॉनीटरिंग निगम के अफसर और जनता करती है।

केजरीवाल की घोषणा

● दिल्ली की 1400 किलोमीटर की सड़कों की रोजाना मशीनों से सफाई होगी। दिल्ली सरकार 100 मशीनें लगाएगी।

● दिल्ली के फुटपाथ और डिवाइडर रोजाना धोए जाएंगे।

● सड़कों के किनारे, बीच की खाली जमीन पर पौधे रोपेंगे।

● सड़कों से पोस्टर-बैनर हर दिन हटाए जाएंगे।

● शिकायतों के लिए एक सिस्टम बनेगा, जिसमें जनता सड़कों की टूट-फूट, सफाई आदि की शिकायत कर सकेगी।

ये है इंदौर का मॉडल

● इंदौर में रोजाना 500 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों की सफाई 25 मशीनों से होती है। लगभग हरदिन सभी बड़ी सड़कें मशीनें साफ करती हैं।

● इंदौर में सभी प्रमुख सड़कों के फुटपाथ-डिवाइडर प्रतिदिन धोए जाते हैं। इसके लिए अलग से 25 से ज्यादा टैंकर लगे हैं। सफाई के लिए निगम कान्ह और सरस्वती नदी पर बनाए एसटीपी के पानी का उपयोग करता है।

● सड़कों के किनारे, बीच की खाली जमीन पर निगम 5 साल से पौधे लगा रहा है।

● इंदौर में सरकारी जगह पर पोस्टर-बैनर लगाना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर जुर्माना लगाया जाता है।

● इंदौर में जनता की शिकायतों के लिए इंदौर-311 मोबाइल ऐप है। इसकी मॉनीटरिंग और शिकायतों के निपटारे की समय सीमा तय है।



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