इंदौर। शहर के नौ मुस्लिम वार्डों में मजेदार मुकाबले हो रहे हैं। इसमें से अधिकतर वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इनमें बीवी चुनाव लड़ रही है लेकिन जनसंपर्क मियां अर्थात उनके पति कर रहे हैं। इसके अलावा इन वार्डों में बड़ी संख्या में प्रत्याशी हैं, जो समीकरण बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। इस वजह से मुकाबला दिन-ब-दिन रोचक होते जा रहा है।
इंदौर नगर निगम के 85 वार्डों में नौ ऐसे हैं, जो मुस्लिम बाहुल्य हैं। उसमें भी छह वार्ड महिलाओं के लिए
आरक्षित हैं। इन वार्डों में पिछली बार सात कांग्रेस जीती थी तो एक पर भाजपा और एक निर्दलीय विजयी रहा था। इस बार भी मुकाबला रोचक है। महिला वार्डों में नेताओं की पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं। प्रचार-प्रसार जोरों पर चल रहा है लेकिन कई जगहों पर महिला प्रत्याशियों के होर्डिंग पर फोटो तक नहीं हैं।
एक और चौंकाने वाली बात ये है कि बीवी चुनाव लड़ रही है और शौहर अपनी टीम के साथ में प्रचार रहे हैं। कुछ महिलाएं जरूर निकल रहीं लेकिन हिजाब में नजर आ रही हैं। यहां तक कि कार्यालय के उद्घाटन तक में कुछ प्रत्याशी नजर नहीं आईं। दो-तीन वार्डों में ये जरूर है कि प्रत्याशी हिजाब में महिलाओं की टोली लेकर बिना शोर-शराबे के घरघर जा रही हैं, जो सिर्फ महिलाओं से मुलाकात करके वोट देने की बात कर रही हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने तो इन वार्डों से हिंदू प्रत्याशी खड़े किए हैं। अब मुकाबला कांग्रेस व अन्य पार्टी प्रत्याशी व निर्दलियों के बीच है, जिनमें कड़ी टकर हो रही है।
ये है शहर के मुस्लिम वार्डों का गणित
वार्ड- 2 : चंदन नगर (महिला)
कांग्रेस ने पूर्व पार्षद मुबारिक मंसूरी की पत्नी यास्मिन को टिकट दिया है, लेकिन कांग्रेस से बागी होकर रफीक खान अपनी पत्नी फातमा को लड़ा रहे हैं। यहां खुलकर कांग्रेस के सभी मुस्लिम नेता
उनकी मदद कर रहे हैं।
वार्ड- 8 : जूना रिसाला (महिला)
कांग्रेस ने पूर्व पार्षद अनवर दस्तक की पत्नी रुखसाना को टिकट दिया है। पूर्व पार्षद सरवर खान बागी हुईं थीं लेकिन बैठ गईं। यहां पर अमरीन बी, बेनजीर अली, अर्शी पाकीजा भी निर्दलीय लड़ रही हैं।
वार्ड- 38 : खजराना (महिला)
कांग्रेस से सोफिया अन्नू पटेल लड़ रही हैं तो उनका मुकाबला पूर्व पार्षद उस्मान पटेल की पत्नी जमीला से है। यहां पर हिना खान व गुलनाज खान निर्दलीय लड़ रही हैं।
वार्ड-39 : खजराना (महिला)
कांग्रेस से रुबीना इकबाल खान प्रत्याशी हैं तो निर्दलीय तस्मीन वाहिद अली उन्हें कड़ी टकर दे रही हैं। नजमा खान, इशरत खान, अफसाना पठान और फरहान पारेख निर्दलीय दम भर रही हैं।
वार्ड-53 : आजाद नगर
वैसे तो ये वार्ड अनारक्षित हैं लेकिन नेताओं की पत्नियां चुनाव लड़ रही हैं। यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी फौजिया शेख अलीम और निर्दलीय शबनम शेख असलम के बीच कड़ा मुकाबला है। उनके अलावा असलम खान, जमीन अबासी, फारुख पठान, शाकिर हुसैन और मेहविश पठान भी मैदान में हैं।
वार्ड-58 : सदर बाजार
मुस्लिम वार्डों में सबसे कम प्रत्याशी इसी वार्ड में हैं। कांग्रेस से अनवर कादरी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा के सन्नी चौहान हैं तो रईस अबासी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।
वार्ड-60 : तोड़ा (महिला)
ये वार्ड शहर के बीचोबीच है। यहां पर पूर्व पार्षद अंसाफ अंसारी की बीवी सुनहरा कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं। उन्हें मुन्ना अंसारी के यहां से यास्मीन कड़ी टकर दे रही हैं। उसके अलावा आयशा बी व आरती वर्मा दो प्रत्याशी और हैं पर दोनों के बीच ही कड़ा संघर्ष है।
वार्ड-73 : गुलजार नगर(महिला)
इस वार्ड में बोहरा समाज भी बड़ी संख्या में रहता है, जिसके चलते भाजपा ने अपने वरिष्ठ नेता हैदर अली महूवाला के परिवार से मारिया महूवाला को टिकट दिया। कांग्रेस से पूर्व पार्षद सादिक खान की बीवी शाहीन चुनाव लड़ रही हैं। शमा परवीन और असा बिलाल भी निर्दलीय के रूप में मैदान संभाले हुए हैं।
वार्ड-68 : बंबई बाजार
इस वार्ड में कांग्रेस से पूर्व पार्षद अयाज बेग चुनाव लड़ रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी ने यहां से सूरज सिरवैया को उतारा है। आम आदमी पार्टी ने पुराने भाजपाई अनवर देहलवी को टिकट दिया है। वार्ड में देहलवी समाज का अच्छा वोट बैंक है। इसके अलावा पूर्व पार्षद फौजिया शेख अलीम का भाई परवेज बंटी टाप्या भी औवेसी की पार्टी से चुनाव लड़ रहा है। बेग और टाप्या दोनों दोस्त थे लेकिन जमीन के विवाद को लेकर कट्टर दुश्मन हो गए। समाजवादी पार्टी ने मोह्मद यूसुफ राजा को मौका दिया है।
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