<p style="text-align: justify;"><strong>Microfinance Loan Tips: </strong> माइक्रोफाइनेंसिंग उन देशों में बेहतर काम कर सकती हैं, जहां बड़ी आबादी में बैंकिंग (Banking) की कम सुविधा वाले या इस सुविधा से वंचित लोग हैं. इसके अलावा क्रेडिट हिस्‍ट्री का अभाव, क्रेडिट स्‍कोर (Credit Score) में पीछे होना, डॉक्‍यूमेंट और पहचान पत्र (Identity Card) आदि की कमी के कारण भी जिन लोगों को लोन नहीं मिल पाता, उनके लिए भी माइक्रोफाइनेंसिंग प्‍लेटफॉर्म्‍स असरदार साबित हो सकते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">दरअसल, बिना किसी पारंपरिक प्रक्रिया को पूरा किए ही अगर ये माइक्रोलेंडिंग प्‍लेटफॉर्म्‍स लोगों को कर्ज मुहैया करा रहे हैं तो इसके पीछे डाटा साइंस, एआई और मशीन लर्निंग एल्‍गोरिदम का बड़ा रोल रहता है. ऐसे में यहां न सिर्फ लोन पाना आसान हो गया है, बल्कि पैसा जल्‍दी भी मिल जाता है. स्मार्टकॉइन के सीईओ और को-फाउंडर रोहित गर्ग का कहना है कि तमाम मुश्किलों को आसान करने वाले माइक्रोफाइनेंस प्‍लेटफॉर्म्‍स पर लोन के लिए आवेदन करने से पहले कुछ चीजों को सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है, ताकि आगे परेशानी न हो.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्रेडिट हिस्‍ट्री का रखें ख्याल</strong></p> <p style="text-align: justify;">एक अच्‍छी क्रेडिट हिस्‍ट्री समय पर लोन चुकाने की आपकी विश्‍वसनीयता एवं क्षमता को दर्शाती है. एक अनुकूल क्रेडिट स्‍कोर एक अच्‍छी क्रेडिट हिस्‍ट्री की बुनियाद है, जो 300 से 900 के बीच रहता है और 750 से ऊपर का कोई भी स्‍कोर अच्छा माना जाता है. मजबूत क्रेडिट स्‍कोर बरकरार रखना आसान है, बस आपको सभी बकाया समय पर चुकाते रहने की जरूरत है. अपने क्रेडिट कार्ड की संख्‍या घटाकर भी स्‍वस्‍थ क्रेडिट स्‍कोर बनाया जा सकता है. क्रेडिट कार्ड पर कभी 30 फीसदी से ज्‍यादा राशि खर्च न करें.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ब्‍याज दरों का करें आकलन</strong></p> <p style="text-align: justify;">कर्ज लेते समय देखें कि आपको सबसे कम ब्‍याज दर मिल रही हो, आपको अलग-अलग लेंडर्स द्वारा पेश की जाने वाली ब्‍याज दरों की तुलना करनी चाहिए. पैसाबाजार, बैंकबाजार जैसे अनेक वित्‍तीय प्‍लेटफॉर्म्‍स पर ब्‍याज दरों की तुलना आसानी से हो सकती है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>लागत का मूल्‍यांकन करें</strong></p> <p style="text-align: justify;">जब भी आप कोई कर्ज लेते हैं तो उससे कई लागत भी जुड़ी होती हैं. जैसे प्रोसेसिंग शुल्‍क, प्री पेमेंट फीस और विलंब से भुगतान करने की फीस. इससे आप अपने फाइनेंस को ज्‍यादा असरदार तरीके से मैनेज कर सकते हैं और इस बात को आसानी से समझ सकते हैं कि क्‍या लोन के लिए आवेदन करना मायने रखता है या नहीं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/8KqXnQ0 Vs Ambani: दौलत की रेस में अंबानी से आगे निकले अडानी, जानें दोनों के कारोबार और कमाई के बारे में सभी बातें</a></strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/RFNJDfb Service Charge: जबरदस्ती ग्राहकों से सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते रेस्टोरेंट, पढ़ें इससे जुड़ी नई चेतावनी</a></strong></p>
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