मेलबर्न: समुद्र में पाया जाने वाला ऑक्टोपस (Octopuses ) अपने 6 'हाथों' और 2 'पैरों' की वजह से इंसानों के लिए हमेशा से ही आकर्षण का कारण रहा है। अब एक वैज्ञानिक शोध में दावा किया गया है कि ऑक्टोपस वास्तव में एक एलियन जीव है जो दूसरे ग्रह पर विकसित हुआ है। लंबे समय से वैज्ञानिक यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि धरती पर जीवन क्या किसी धूमकेतु से आया है जो पृथ्वी के पास से गुजर रहा था। अब एक नए और चौंका देने वाले सिद्धांत में वैज्ञानिकों ने कहा है कि धरती पर जीवन का एक बड़ा हिस्सा बाहरी अंतरिक्ष से आया है। यह अनोखा शोध जर्नल प्रोग्रेस इन बायोफिजिक्स एंड मोलेक्यूलर बॉयोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ एडवर्ड जे स्टील ने इस संभावना की ओर ध्यान दिलाया है कि ऑक्टोपस और स्क्विड के अंडे ज्वालामुखी में विस्फोट या उल्कापिंड की बारिश के कारण अंतरिक्ष में बह गए होंगे और फिर अरबों किमी की यात्रा करके धरती पर पहुंचे होंगे। बेहद तेज दिमाग होते हैं ऑक्टोपस इस शोध में कहा गया है कि ऑक्टोपस और उसके रिश्तेदारों की जैविक विशेषताएं यह बताती हैं कि उनका अस्तित्व किसी तरह से पहले से मौजूद था। इस शोध में यह भी संभावना जताई गई है कि मंगल ग्रह पर जीवन पैदा हुआ होगा और बाद में किसी ग्रहीय आपदा की वजह से लाल ग्रह जमा देने वाला बंजर बन गया। इस दुनिया में कुछ जीव ऐसे हैं जो न सिर्फ काफी ज्यादा विकसित हैं, बल्कि बेहद तेज दिमाग भी हैं। ऑक्टोपस उन्हीं में से एक है। शरीर के हिसाब से ज्यादा बड़ा दिमाग इनके बिहेवियर पर गहरा असर डालता है। यहां तक कि किसी जार का ढक्कन खोलने से लेकर कई मुसीबतें सुलझाने तक की क्षमता रखते हैं। अब रिसर्चर्स को इनके एक बेहद खास बिहेवियर के बारे में पता चला है। एक रिसर्च पेपर में दावा किया गया है कि मादा ऑक्टोपस प्रजनन की कोशिश करने वाले नर के ऊपर चीजें चलाकर मार देती हैं। क्यों मारती हैं मादा? हर जीव में प्रजनन के लिए कुछ खास तरीके होते हैं जिनके इस्तेमाल से अमूमन नर मादा को लुभाते हैं। इंप्रेस होने पर ही मादा प्रजनन को तैयार होती हैं। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और अमेरिका के रिसर्चर्स ने पाया है कि ऑक्टोपस में मादा ऐसे नर के ऊपर चीजें चलाकर फेंकती हैं जो प्रजनन की कोशिश कर रहे होते हैं। साल 2015 में रिसर्च टीम ने उन्हें ऐसा करते देखा था लेकिन यह नहीं साफ था कि यह इत्तेफाकन हुआ या इस बिहेवियर का कोई मतलब भी है। इसके लिए वे ऑस्ट्रेलिया की जरविस खाड़ी पहुंचे जहां ऑक्टोपस भारी संख्या में रहते हैं।
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