चीन ने 31 साल बाद पहली बार निकारागुआ में खोला दूतावास, अमेरिका-ताइवान को बड़ा झटका

मनागुआ चीन ने वर्ष 1990 के बाद से पहली बार निकारागुआ में दूतावास खोला है। चीन ने यह कदम निकारागुआ के राष्ट्रपति डेनियल ओर्टेगा की सरकार के ताइवान से संबंध समाप्त करने के बाद उठाया है। विदेश मंत्री डेनिस मोनकाडा ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक प्रकार की ‘वैचारिक आत्मीयता’ है। मोनकाडा ने कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीके सिनोफार्म की दस लाख खुराक देने के लिए चीन का आभार भी व्यक्त किया। दरअसल, ओर्टेगा की सरकार ने चीन के साथ 1985 में संबंध स्थापित किए थे, लेकिन 1990 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हार जाने के बाद देश के नए राष्ट्रपति विलेटा कामारो की सरकार ने ताइवान को मान्यता दे दी। निकारागुआ की सरकार ने ताइवान के साथ नौ दिसंबर को संबंध समाप्त कर लिए थे और पिछले सप्ताह उसने ताइवान के दूतावास कार्यालय बंद कर दिए तथा कहा कि वे चीन के हैं। हालांकि चीन का नया दूतावास किसी और स्थान पर है तथा फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि वह ताइवान की इमारत का क्या करेगा। ताइवान ने ‘ओर्टेगा शासन की गंभीर अवैध कार्रवाइयों’ की निंदा की ताइवान के राजनयिकों ने एक सप्ताह पहले प्रस्थान करने से पहले यह संपत्ति मनागुआ के रोमन कैथोलिक आर्चडीओसीज को दान करने का प्रयास किया था, लेकिन ओर्टेगा की सरकार ने कहा कि इस तरह का कोई भी दान अवैध होगा। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने ‘ओर्टेगा शासन की गंभीर अवैध कार्रवाइयों’ की निंदा करते हुए कहा कि निकारागुआ सरकार ने ताइवान के राजनयिकों को देश से बाहर जाने के लिए केवल दो सप्ताह का वक्त देकर मानक प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया है। चीन पिछले कई दशकों से ताइवान के साथ राजनयिक रिश्‍ता रखने वाले देशों को अपने पाले में लाने के लिए काफी मशक्‍कत कर रहा था। इससे पहले चीन पनामा, अल सल्‍वाडोर और डोमिनिकल रिपब्लिकन को अपने पाले में ला चुका है। इससे पहले ताइवान और निकारागुआ के बीच स्‍वास्‍थ्‍य और कृषि के क्षेत्र में अस्थिर रिश्‍ते रहे हैं। साल 2007 में निकारागुआ के राष्‍ट्रपति डेनिअल ओर्टेगा के सत्‍ता में वापसी के बाद उन्‍होंने चीन और ताइवान दोनों के साथ संबंध स्‍थापित किए थे। ताइवान के अभी मध्‍य अमेरिका में बेल‍िज, ग्‍वाटेमाला, होंडुरास दोस्‍त चीन को निकारागुआ के साथ यह रिश्‍ता रास नहीं आया था। ताइवान के अभी मध्‍य अमेरिका में बेल‍िज, ग्‍वाटेमाला और होंडुरास दोस्‍त बने हुए हैं। उसके कुछ अन्‍य देशों जैसे हैती और पराग्‍वे के साथ भी राजनयिक रिश्‍ते हैं। बता दें कि ताइवान जलडमरूमध्य में बढ़ते सैन्य तनाव के मध्य अमेरिका, चीन और ताइवान के बीच तनावपूर्ण त्रिकोणीय संबंध एक बार फिर सामने आए हैं। चीनी मुख्य भूमि के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर छोटे, घनी आबादी वाले द्वीप की स्थिति पर गर्मागर्म विवाद है और खबरों में लगभग हर दिन यह भविष्यवाणी की जा रही हैं कि एक नया मुखर चीन ताइवान को जबरन फिर से हासिल करने के लिए जल्द ही सैन्य कार्रवाई या अन्य कदम उठा सकता है।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3qXe8Nd
Previous Post Next Post