पहली बार मिला 31 करोड़ साल पुराना दिमाग का जीवाश्म, खोलेगा जीवन के विकास के राज

इलिनॉई वैज्ञानिकों को पहली बार 31 करोड़ साल पुराना एक केकड़े का जीवाश्म मिला है। नई स्टडी के मुताबिक इस खोज से इस अनोखे जीव, जिसे या अश्वनाल केकड़ा कहा जाता है, इसके विकास से जुड़े कई रहस्य खोले जा सकते हैं। इस जीव का नाम भले ही केकड़े पर है लेकिन यह मकड़ों और बिच्छुओं के ज्यादा करीब है। यह जीवाश्म जिस प्रजाति का है वह विलुप्त हो चुकी है। इसे अमेरिका के इलिनॉई में मेजन क्रीक में पाया गया। ये ऐसी कंडीशन्स में मिला जहां सॉफ्ट टिशू को अच्छी तरह से संरक्षित किया जा सका। बेहद दुर्लभ है खोज इस केकड़े की चार प्रजातियां बाकी हैं। इन सबके सख्त स्केलेटन, 10 पैर और यू-शेप का सिर है। इनके जीवाश्म पहले भी मिले हैं लेकिन प्राचीन सिर के बारे में पता नहीं चला। स्टडी के लेखक रसेल बिकनेल के मुताबिक पहली बार इसके दिमाग का सबूत मिला है। उन्होंने लाइव साइंस को बताया है कि दिमाग का जीवाश्म मिलने की संभावना 10 लाख में एक बार से भी ज्यादा दुर्लभ होती है क्योंकि सॉफ्ट टिशू बहुत तेजी से खराब होते हैं। दिमाग जैसा खांचा इनके संरक्षण के लिए बहुत खास जियॉलजिकल कंडीशन्स या ऐंबर चाहिए होता है। इस जीव के सॉफ्ट टिशू कई साल तक प्रिजर्व रहे जिससे दिमाग की एक कॉपी तैयार हो गई। बिकनल ने बताया है कि मेजन क्रीक में दिमाग का खांचा जैसा दिखा है क्योंकि यहां आयरन कार्बोनेट से जीवाश्म संरक्षित रहते हैं। दिमाग डीकंपोज हो जाता है लेकिन उसकी जगह क्ले मिनरल kaolinite का खांचा तैयार हो जाता है। इस तरह की कंडीशन्स में दूसरे जीवाश्मों की खोज की जाएगी। मेजन क्रीक इसके लिए बेहद खास है। स्टडी में पाया गया है कि यह दिमाग आज के horseshoe crab से काफी मिलता-जुलता है। यह स्टडी 26 जुलाई को जियॉलजी जर्नल में छपी थी।


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