नई दिल्ली बॉर्डर पर तनाव () के बीच केंद्र सरकार ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) की दो प्रयोगशालाओं को मिलाकर एक नई लैब बनाई है। ये नई प्रयोगशाला चीन और पाकिस्तान की सीमा वाले इलाकों और बर्फीले तूफान पर रिसर्च में खास फोकस करेगी। सरकारी सूत्रों के हवाले से एएनआई ने बताया कि डीआरडीओ ने दो प्रयोगशालाओं को मिलाकर 'डिफेंस जियो इंफॉर्मेटिक्स रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट' नाम से एक नई लेबोरेट्री बनाई है। दो प्रयोगशालाओं का विलय कर बनाई गई नई लैबसरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि नई लैब लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ लगी सीमा और हिमस्खलन पर शोध में ध्यान केंद्रित करेगी। सरकार की ओर से बनाई गई नई लैब में जिन दो प्रयोगशालाओं का विलय किया गया वो हैं- मनाली मुख्यालय का बर्फ और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई) और दूसरा दिल्ली स्थित रक्षा भूभाग अनुसंधान प्रयोगशाला। इन दोनों प्रयोगशालाओं का विलय कर एक लैब बनाना डीआरडीओ में बड़े पैमाने पर होने वाले सुधारों की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। इसे भी पढ़ें:- SASE और DTRL लैब का हुआ विलय डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने कहा है कि इसको और ज्यादा रिजल्ट ओरिएंटेड बनाया जाएगा। एसएएसई बेहद सक्रिय रूप से परिचालन क्षेत्रों में बर्फ और हिमस्खलन के अध्ययन में लगा था और देश के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 3,000 ऑन-रोड जगहों पर एक हिमस्खलन एटलस तैयार किया है, जहां सशस्त्र बल तैनात हैं। इसी तरह रक्षा भूभाग अनुसंधान प्रयोगशाला (डीटीआरएल) देश के अलग-अलग भूभागों पर रिसर्च करती रही है, जहां सशस्त्र बलों की तैनाती है। पीएम मोदी के साथ हाईलेवल मीटिंग के बाद फैसला सूत्रों ने कहा कि नई लैब चीन की सीमा से अलग-अलग इलाकों जैसे अरुणाचल प्रदेश आदि में अपनी टीम तैनात करेगी और वहां तैनात सशस्त्र बलों के साथ काम करेगी। दोनों लैब का विलय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपने मंत्रिस्तरीय सहयोगियों, डीआरडीओ के अध्यक्ष और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ एक विस्तृत समीक्षा बैठक के तुरंत बाद किया गया। इस बीच डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. जी. सतीश रेड्डी का कार्यकाल भी सरकार की ओर से बढ़ा दिया गया है और उन्हें प्रमुख डिफेंस रिसर्च एजेंसी में जरूरी सुधार लाने की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। DRDO प्रमुख ने IIT दिल्ली डायरेक्टर के नेतृत्व में समिति का किया गठन डीआरडीओ प्रमुख ने हाल ही में आईआईटी दिल्ली, निदेशक पी. रामगोपाल राव के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया, जो भविष्य के युद्धक्षेत्रों के लिए सशस्त्र बलों को तैयार करने के लिए प्रयोगशालाओं के ड्यूटी चार्टर की समीक्षा करे। चयनित पैनल संगठन के तहत प्रत्येक प्रयोगशाला की ओर से किए जा रहे कामों की प्रकृति में गहराई लाने और प्रौद्योगिकी ओवरलैप को कम करने और किए जाने वाले काम के चार्टर को फिर से परिभाषित करने के लिए एक रिपोर्ट पेश करेगा।
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