दुश्मनों होशियार, आ गए हैं हमारे 333 जांबाज

कोरोना महामारी के कारण देशभर में लोगों को आवागमन काफी कम हो गया है। इस बीच शनिवार को इंडियन मिलिट्री अकैडमी (आईएमए) से 423 कैडेट पास आउट हुए। हालांकि, इस दौरान पूरी दर्शक दीर्घा खाली रही क्योंकि परेड में किसी के भी प्रवेश की अनुमति नहीं थी।

आईएमए देहरादून के 88 साल के गौरवपूर्ण इतिहास में पहली बार हुआ कि पासिंग आउट परेड सिर्फ रस्म अदायगी रही। कोविड-19 की वजह से इस बार पासिंग आउट परेड का पूरा कार्यक्रम सादगीपूर्ण तरीके से किया गया।

शनिवार को पासआउट होने वाले 423 कैडेट्स में से 333 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि अन्य 90 विदेशी कैडेट हैं। थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने की मौजूदगी में चैटवुड हॉल के ड्रिल स्क्वायर पर कैडेटों को भारतीय सेना में शामिल होने की शपथ दिलाई जाएगी।

आईएमए की कठिन ट्रेनिंग के बाद पास आउड कैडेट्स की वर्दी पर रैंक का बैच लगाने के लिए कैडेट्स के लिए उनके माता-पिता मौजूद नहीं रहे। पासआउट परेड में शनिवार को ऐसा पहली बार हुआ कि पीपिंग सेरेमनी के दौरान ऑफिसर्स ने जेंटलमेन कैडेट्स की वर्दी पर रैंक लगाया।

इस बार भी यूपी के सबसे ज्यादा 66 कैडेट पास आउट हुए। वहीं, उत्तराखंड से इस बार 31 कैडेट सेना में अफसर बने हैं। उत्तराखंड-बिहार के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर है। दूसरे नंबर पर 39 कैडेट के साथ हरियाणा है।

आईएमए से शनिवार को नेपाली कैडेट भी पास होकर भारतीय सेना में अफसर बने। भारतीय सेना में नेपाली नागरिकों को मौका दिया जाता है। हाल के वक्त में भारत और नेपाल की सीमा पर काफी तल्खी भरा माहौल है। इस बीच भी तीन नेपाली कैडेट्स ने शनिवार को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए शपथ लिया।



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