Gig Workers Wages: देश में केवल 3 कंपनियां गिग वर्कर्स को दे रहीं मिनिमम वेज पॉलिसी के तहत पैसा और सुविधाएं, जानें नाम

<p style="text-align: justify;"><strong>Gig Workers Wages:</strong> भारत में गिग वर्कर्स की तादाद बढ़ती जा रही है और इनके जरिए देश में कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स, सेवाओं को लोगों तक पहुंचाती हैं. अब एक ऐसी रिपोर्ट आई है जो कि इस बात को दिखाती है कि देश में गिग वर्कर्स को उनके काम का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और मिनिमम भत्ते तक नहीं मिल पा रहे हैं. उनके लिए मिनिमम वेज पॉलिसी का पालन करने वाली कंपनियां काफी कम हैं.</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>केवल 3 कंपनियां कर रहीं मिनिमम वेज पॉलिसी का पालन</strong></h3> <p style="text-align: justify;">फेयरवर्क इंडिया रेटिंग्स 2023 की एक रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया कि भारत की 12 में से केवल 3 कंपनियां ऐसी हैं जो गिग वर्कर्स को उनके लिए निर्धारित न्यूनतम वेज पॉलिसी के तहत पैसा दे रही हैं. ये कंपनियां हैं बिग बास्केट, फ्लिपकार्ट और अर्बन कंपनी. ये तीन कंपनियां लगातार दूसरे साल वर्कर्स के लिए मिनिमम वेज पॉलिसी का पालन करने में अग्रणी साबित हुई हैं.&nbsp;</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>रिपोर्ट में हुआ 12 प्लेटफॉर्म का आकलन</strong></h3> <p style="text-align: justify;">फेयरवर्क इंडिया रेटिंग्स 2023 की रिपोर्ट का ये पांचवा संस्करण हैं और ये रिपोर्ट डिजिटल लेबर प्लेटफॉर्म्स के गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स की कार्य स्थितियों के बारे में आकलन करती है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल टीम ने पांच सिद्धांतों या 5 फेयरवर्क प्रिंसिपल्स के आधार पर 12 प्लेटफॉर्म का आकलन किया है.</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>चार शहर, 12 प्लेटफॉर्म और 5 फेयर प्रिंसिपल का बेस</strong></h3> <p style="text-align: justify;">सेंटर फॉर इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड पब्लिक पॉलिसी (CITAPP) के नेतृत्व में फेयरवर्क इंडिया टीम ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फेयरवर्क इंडिया बेंगलुरू के साथ मिलकर ये रिपोर्ट तैयार की है. इसके साथ ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ऑक्सफोर्ड इंटरनेट इंस्टीट्यूट ने भी इस रिपोर्ट पर काम किया है. इसके लिए देश के चार शहरों नई दिल्ली, कोच्ची, तिरुअनंतपुरम और बेंगलुरू में अध्य्यन किया गया और 12 प्लेटफॉर्म को 5 फेयरवर्क प्रिंसिपल्स के आधार पर वैल्यूएट किया गया.</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>5 फेयर प्रिंसिपल कौन से हैं</strong></h3> <p style="text-align: justify;">फेयर प्ले<br />फेयर कंडीशन्स<br />फेयर कॉन्ट्रेक्ट्स<br />फेयर मैनेजमेंट<br />फेयर रीप्रेंसेटेशन</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>जानिए कंपनियों का स्कोर</strong></h3> <p style="text-align: justify;">12 कंपनियों में से किसी भी कंपनी ने 10 में से 6 से ज्यादा स्कोर नहीं किया और कोई भी कंपनी ऐसी नहीं रही जो कि सभी पांच पॉइंट्स के ऊपर खरी उतरती हो. अमेजन, फ्लेक्स, बिगबास्केट, ब्लूस्मार्ट, फ्लिपकार्ट, स्विगी, अर्बन कंपनी, ऊबर, जेप्टो एंड जोमैटो के प्लेटफॉर्म पर गिग वर्कर्स के लिए अच्छी स्थिति हैं और यहां सेफ्टी कंडीशन्स और सेफ्टी कंडीशन्स के साथ सेफ्टी इक्विपमेंट्स को मुहैया कराया जाता है.&nbsp;</p> <h3 style="text-align: justify;"><strong>एक्सीडेंटल कवरेज की सुविधा</strong></h3> <p style="text-align: justify;">केवल स्विगी, जोमैटो, अर्बन कंपनी, जेप्टो और बिग बास्केट ही ऐसी कंपनियां है जो अपने गिग वर्कर्स को एडीशनल कॉस्ट के बिना एक्सीडेंटल कवरेज मुहैया कराती हैं. इसके साथ अलग वर्कर्स मेडिकल कारणों से काम करने के लिए सक्षम नहीं रह पाते हैं तो उनके इनकम लॉस के लिए मॉनिटरी यानी मौद्रिक कंपनसेशन उपलब्ध कराते हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://ift.tt/rO7t3m5 सब्सक्राइबर्स के लिए एडवांस पैसा निकालने के क्या हैं नियम, किन कामों के लिए मिलती है रकम- जानें सब</strong></a></p>

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