इंदौर। चुनाव ड्यूटी 10 फीसदी सरकारी कर्मचारी मुक्ति चाह रहे हैं। ड्यूटी निरस्त कराने के लिए आए आवेदनों में से 66 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं। इनमें 10 से 15 प्रतिशत गर्भवती या ऐसी महिलाएं हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं।
17 नवंबर को होने वाला मतदान को लेकर 2486 बूथों पर साढ़े बारह हजार से अधिक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। मतदान कराने वालों को पहले चरण की ट्रेनिंग भी दे दी गई है। एक बूथ पर चार कर्मचारी रहेंगे तो 20 प्रतिशत रिजर्व में रखे जाएंगे। इस बीच चुनाव ड्यूटी निरस्त करने के 1270 आवेदन मिले हैं। सभी ने कारण के प्रमाण-पत्र भी लगाए हैं। 66 फीसदी से अधिक महिलाओं के आवेदन आए हैं। गर्भवतियों ने सोनोग्राफी रिपोर्ट तो बच्चे छोटे होने वाली महिलाओं ने बच्चों के जन्म प्रमाण-पत्र लगाए हैं।
गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं कर्मचारी
कई कर्मचारी कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं तो दिल की बीमारी वालों की संख्या भी काफी अधिक है। इनकी बायपास सर्जरी हुई है। इन सभी ने सर्टिफिकेट लगाए हैं। ऐसे करीब १२६ आवेदनों को मेडिकल बोर्ड को भेजा गया है। वहां से जांच के बाद आवेदनों का निराकरण किया जाएगा।
रिटायर्ड होने वाले हैं... चुनाव से राहत दो
रिटायर होने वाले कुछ कर्मचारियों के रोचक आवेदन मिले हैं। उनका कहना है कि पूरे जीवन चुनाव कराए हैं। अब रिटायरमेंट को कुछ ही दिन बचे हैं, इसलिए चुनाव से मुक्ति दिलाई जाए। हालांकि नियम भी कहते हैं कि जिन कर्मचारियों के रिटायरमेंट में छह माह से कम हैं, उन्हें चुनाव ड्यूटी से राहत दी जा सकती है।
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