इंदौर। वोटर को लुभाने के लिए प्रत्याशी हरसंभव प्रयास करते हैं, लेकिन सामान्य प्रतीत होने वाले शब्द भी पुलिस कार्रवाई के दायरे में आते हैं। वोट देने की अपील करने के दौरान भगवान माफ नहीं करेगा जैसे शब्दों का इस्तेमाल वोटर से करने पर एक साल तक की सजा का प्रावधान है।
पत्रिका ने चुनाव के दौरान पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कार्रवाई और धाराओं के बारे में जानकारी जुटाई। कई काम ऐसे हैं, जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं और नियमों का उल्लंघन कर बैठते हैं।वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने पर 53 केस दर्ज हुए थे।
क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल से समझें नियम
- आदर्श आचार संहिता में धारा 171 ए से आइ तक कार्रवाई के प्रावधान हैं।
- चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को ध्यान रखना होगा कि वे उन्हीं वाहनों का उपयोग प्रचार सामग्री को लाने ले जाने के लिए करें, जिसकी कलेक्टर कार्यालय से अनुमति ली गई हो। नियम तोड़ने वाले पर धारा 144 के उल्लंघन करने पर धारा 188 के तहत केस दर्ज हो सकता है।
- यदि किसी जमीन पर प्रत्याशी को कार्यक्रम करना है तो उसकी अनुमति लेनी होगी।
- रोड शो के दौरान इस्तेमाल झंडे का साइज तीन बाय दो तो बाइक पर दो बाय एक का झंडा लगा सकते हैं।
- पार्टी समर्थकों और पार्टी कार्यालय पर केवल 3 झंडे लगाने की अनुमति रहती है।
- यदि कोई हाथ में बैनर लेकर प्रचार कर रहा है तो छह बाय चार से बड़ा झंडा नहीं होना चाहिए।
- दैवीय अप्रसाद, आध्यात्मिक परिनिंदा का भाजन हो जाएगा या बना दिया जाएगा। इस तरह के शब्दों के साथ वोट मांगने वाले पर धारा 171 सी के तहत कार्रवाई होगी। इसे दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि भगवान माफ नहीं करेगा जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर लोगों से वोट मांगने पर भी कार्रवाई होती है। इसमें 1 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
- रिश्वत, पारितोषण, खाद्य, पेय, मनोरंजन, रसद आदि देने पर धारा 171 ई में और कोलाहल अधिनियम का उल्लंघन करने पर भी कार्रवाई होती है।
- शासकीय संपत्ति पर प्रचार सामग्री लगाने पर संपत्ति विरूपण का प्रावधान है।
- किसी व्यक्ति को किसी प्रत्याशी का झंडा या अन्य प्रचार सामग्री अपने घर लगानी हो तो उसकी लिखित अनुमति प्रत्याशी से लेनी होगी।
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