Ecilipse 2023 : एक माह में 15 दिन के अंतर पर दो ग्रहण, जानें राशियों पर इनका असर

ग्रहों की चाल के बीच हर साल पड़ने वाले ग्रहण को ज्योतिष में बेहद खास माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार इन ग्रहणों चाहे वह चंद्र ग्रहण हो या सूर्य ग्रहण के प्रभाव सभी राशि के जातकों पर देखने को मिलते हैं। वहीं धार्मिक दृष्टि से भी कौन से ग्रहण किस जगह पर दिखाई देंगे या नहीं दिखाई देंगे, इनका सूतक काल क्या होगा, यहां यह भी विशेष मायने रखता है।

ऐसे में इस साल यानि 2023 के अक्टूबर में भी दो ग्रहण लगने जा रहे हैं, जो केवल 15 दिनों के अंतर पर पड़ेंगे। साल का दूसरा सूर्यग्रहण और अक्टूबर का पहला ग्रहण पितृपक्ष में 14 अक्टूबर शनिवार को अश्विन अमावस्या यानि सर्वपितृ अमावस्या के दिन लगेगा, जबकि इसके ठीक 15 दिन बाद यानि 29 अक्टूबर को साल का आखिरी ग्रहण चंद्र ग्रहण रहेगा।

कुल मिलाकर अक्टूबर 2023 का महीना दो ग्रहण वाला रहेगा। इनमें से शनिवार, 14 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर होगा, यानि ग्रहण लगने पर सूर्य एक रिंग की तरह दिखेगा, क्योंकि इसका 91 प्रतिशत भाग को चांद द्वारा ढक लिया जाएगा।

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इसके अलावा यह ग्रहण जहां एक ओर अमेरिका के 8 राज्य में बहुत अच्छे से दिखेगा, तो वहीं भारत में यह दिखाई नहीं देगा, जिसके कारण इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्यग्रहण रात 08.34 बजे से शुरु होगा और मध्यरात्रि 02.25 बजे तक रहेगा।

ऐसे में साल का यह दूसरा सूर्यग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, पेरू, क्यूबा, जमैका, हैती, ब्राजील, बहामास, एंटीगुआ, उरुग्वे, उत्तरी अमेरिका, बारबाडोस आदि स्थानों पर दिखेगा।

साल 2023 के दूसरे सूर्य ग्रहण का असर :

मेष राशि (Aries) - राशि चक्र की पहली राशि मेष के लोगों के लिए 14 अक्टूबर 2023 का सूर्य ग्रहण परेशानियां लाने वाला होगा। अपनों से धोखा मिलने की संभावना के बीच उचित होगा कि किसी पर भी आंख बंद कर भरोसा करने से बचें। नौकरी में इस समय सोच-समझकर निर्णय लें, ध्यान रहे इस समय जॉब में कई तरह चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

वृषभ राशि (Taurus)- राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ के जातकों का यह ग्रहण बजट बिगाड़ सकता है, इस दौरान धन हानि के योग निर्मित होते दिख रहे हैं। ग्रहण के प्रभाव के चलते मान प्रतिष्ठा को ठेस लग सकती है, उचित होगा कि अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें। इस समय आपको जरा सी लापरवाही आपको महंगी पड़ सकती है। आत्मविश्वास में कमी आने के अलावा कार्यस्थल पर जिम्मेदारी बढ़ने से जीवन में उतार-चढ़ाव आ सकता है।

सिंह राशि (Leo)- राशि चक्र की पांचवीं राशि सिंह के लोगों के लिए साल 2023 का यह दूसरा सूर्य ग्रहण शुभ रहता नहीं दिख रहा है। इसके चलते मान हानि के अलावा बेवजह के खर्चों से जेब पर असर पड़ने का अंदेशा है। वहीं आर्थिक तौर इसके चलते आपको कुछ पर भी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ध्यान रहे निवेश से दूरी बना कर रखें साथ ही पैसों के लेनदेन में सावधानी रखें।

कन्या राशि (Virgo) - राशि चक्र की छठी राशि कन्या के जातकों के सामने सूर्य ग्रहण के अशुभ परिणाम आएंगे। इस दौरान आपके ही साथ रह रहे लोग आपको संकट में डाल सकते हैं, वहीं यह समय आर्थिक और मानसिक तौर पर आपके लिए कष्टकारक रहेगा। उचित होगा कि संभलकर रहें।

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तुला राशि (Libra)- राशि चक्र की सातवीं राशि तुला के जातकों के मन में सूर्य ग्रहण का अशुभ प्रभाव देखने को मिलेगा, जिसके कारण इस राशि के जातक खुद को मानसिक तौर पर कमजोर अनुभव करेंगे, वहीं इस समय तनाव के इजाफे के कारण आपमें चिड़चिड़ापन बढ़ेगा। वाद-विवाद में बढ़ौतरी आपको आर्थिक और शारीरिक नुकसान पहुंचा सकती है। उचित होगा कि मन को शांत रखने के साथ ही तुला राशि के जातक महामृत्युंजय मंत्र पढ़ें।

 

साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण

इस साल 2023 का अंखिरी चंद्र ग्रहण रविवार, 29 अक्टूबर को रात 01.06 बजे शुरू होगा और सुबह 02.22 बजे तक रहेगा। ग्रहण की अवधि 1 घंटा 16 मिनट की भारत में होगी, भारत में इसके दिखाई देने के चलते इसका सूतक काल मान्य रहेगा।

 

चंद्र ग्रहण का असर :

जानकारों के अनुसार चंद्रमा का ये ग्रहण कुछ राशियों के जातकों के लिए अत्यंत फलदाई और सकारात्मक रह सकता है। इसके तहत यह चंद्र ग्रहण जहां सिंह राशि के जातकों पर अच्छा प्रभाव छोड़ेगा, जिसके कारण योजनाओं का उन्हें फल प्राप्त होगा। वहीं धनु राशि के ग्यारहवें घर में यह ग्रहण लगने के चलते इनके लिए धन प्राप्ति के अवसरों का निर्माण होता दिख रहा है बन रहे हैं, इसके चलते इन्हें नौकरी व कार्यक्षेत्र में भी अच्छी खबर मिलने की संभावना है। जबकि मिथुन राशि के जातकों के लिए भी यह ग्रहण काफी अच्छा साबित हो सकता है, इस ग्रहण के बाद से इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना बढ़ रही है।


सूतक काल के नियम (Rules of Sutak)
सूतक काल में न तो भोजन बनाएं और न ही खाएं। कारण ये है कि इस काल को इसे दूषित काल माना जाता है। लेकिन यह नियम बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं पर लागू नहीं होते।

सूतक काल शुरु होने से पहले बन चुके भोजन में सूतक काल शुरू होने से पहले ही तुलसी का पत्‍ता डाल देंना चाहिए। यहां तक की दूध और इससे बनी चीजों व पानी में भी तुलसी का पत्‍ता डालना शुभ माना गया है, कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते के प्रभाव से यह चीजें दूषित नहीं हो पातीं।

गर्भवती महिलाओं को सूतक के दौरान खुद का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए। कहा जाता है कि इन्हें सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से नहीं निकलना चाहिए। इस दौरान अपने पेट के हिस्‍से पर गेरू लगाना विशेष माना जाता है।

इसके अलावा गर्भवती स्त्रियां सूतक काल से ग्रहण काल समाप्‍त होने तक चाकू, कैंची आदि किसी भी नुकीली चीज का इस्‍तेमाल न करें, यहां तक की सिलाई-कढ़ाई से भी दूरी बनाए रखें।

खुली आंखों से ग्रहण को नहीं देखें, फिर भी यदि आप ग्रहण को जिज्ञासावश देखना ही चाहते हैं तो एक्सरे की मदद से इसे देख सकते हैं। इस दौरान न तो भगवान को हाथ लगाना चाहिए और न ही घर के मंदिर में पूजा पाठ करनी चाहिए। इस समय आप भजन, मंत्र आदि का जाप कर सकते हैं, कारण इस समय मानसिक जाप काफी फलदायी माना गया है।



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