रेलवे की लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी

इंदौर। रेलवे अब ट्रेनों के कोच को एलएचबी कोच में बदल रहा है। ये कोच यात्रियों की सुविधा की नजर से आरामदायक होने के साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी ठीक हैं। इंदौर स्टेशन पर आने जाने वाली अधिकांश ट्रेनों में ये कोच लग चुके हैं। इन कोच की लंबाई पूर्व कोच से अधिक है। चूंकि इंदौर स्टेशन का प्लेटफार्म एक 22 कोच के हिसाब से बना हुआ है। ऐसे में एलएचबी कोच से लेस ट्रेन प्लेटफार्म एक से आगे तक खड़ी होती है। इस स्थिति में इंजन और इंजन के पीछे लगे सामान्य कोच भी प्लेटफार्म से आगे तक खड़े रहते हैं। सामान्य कोच में सफर करने वाले यात्रियों को कोच में चढऩे के लिए मशक्कत करना पड़ती है। इतना ही नहीं यात्रियों को छोडऩे आने वाले भी अपनों को जान जोखिम में ही डालकर विदाई देते हैं। यहां पर सुरक्षा के लिए लगाई गई रेलिंग पर चढक़र वे अपनों से मिलते हैं। ऐसा नजारा शनिवार को डॉ. आंबेडकर नगर-प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 14115 में नजर आया।

डॉ. आंबेडकर नगर-प्रयागराज ट्रेन इंदौर स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर सुबह 11.50 बजे पहुंच जाती है। ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर पहुंची उसमें सवार होने के लिए यात्री ट्रेन के साथ दौड़ पड़ते हैं। जैसे ही ट्रेन रूकी तो कोच में बैठने के लिए यात्रियों में होड़ लग गई। खासकर जनरल कोच में। यात्री इस दौरान कोच में चढ़ते समय इस बात को भी भूल जाते हैं कि जरा सी लापरवाही से उनकी जान पर आ सकती है। वहीं परिजन भी अपनों को विदाई देने में सावधानी रखना ही भूल जाते हैं। यानी अपनों को जान जोखिम में रखकर वे विदाई देते हैं।

कोच के हिसाब से प्लेटफार्म छोटा
बता दें कि महू-प्रयागराज एक्सप्रेस 23 कोच की ट्रेन है। एलएचबी कोच होने से ये कोच सामान्य कोच से बड़े ही रहते हैं। यह प्लेटफार्म 22 कोच के हिसाब से बना हुआ है। ऐसे में 23 कोच की ट्रेन प्लेटफार्म से आगे ही जाकर खड़ी होगी। वहीं इस एक्सप्रेस ट्रेन का प्लेसमेंट हमेशा से ही प्लेटफार्म एक पर गलत तरीके से होता आया है। ट्रेन के अगले हिस्से के जनरल कोच शास्त्री ब्रिज के ठीक नीचे आते हैं। यहां पर पाथवे से कोच के पायदान की ऊंचाई करीब 2 फीट है। कई बार जल्दबाजी में यात्री कोच में चढ़ते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। शनिवार को भी यहां पर जनरल कोच ठीक ब्रिज के नीचे आया और जल्दबाजी में लोग चढ़ते रहे। इतना ही नहीं यहां पर लगी सुरक्षा रेलिंग पर चढक़र लोग अपनों को विदाई देते रहे।

दिव्यांग कोच में आम यात्री कर रहे सफर
सभी ट्रेनों में दिव्यांगजनों के और नि:शक्तजनों के लिए दिव्यांग को बनाए गए हैं, लेकिन रेल अफसरों की लापरवाही के चलते इन कोचों में हमेशा आम लोग ही सफर करते हैं। शनिवार को भी जब प्रयागराज के लिए ट्रेन रवाना हो रही थी उस समय सामान्य यात्री दिव्यांग कोच में चढ़ गए। जबकि इस कोच में सिर्फ दिव्यांगजन और नि:शक्तजनों को ही बैठने की अनुमति है।

रेलवे की लापरवाही कहीं पड़ न जाए भारी

from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/TPInfCO
Previous Post Next Post