साइबर ठगों का नया ठिकाना यह ऐप, 100 करोड़ की धोखाधड़ी कर इंडोनेशिया भागा आरोपी

कृष्णपाल सिंह चौहान, इंदौर. एमपी में ग्रीन एनर्जी के नाम पर धोखाधड़ी बढ़ रही है। बड़ी ठगी को अंजाम देने वाले पर्दे के पीछे हैं। वे निवेश की गई राशि पर तीन गुना फायदे का झांसा देकर ग्रीन एनर्जी ऐप पर लोगों से लाखों रुपए निवेश कराते हैं। ठग ये राशि फर्जी चालू खाते में जमा कराते हैं और फिर एक ही दिन में रुपए निकालकर गायब हो जाते हैं। करोड़ों की धोखाधड़ी करनेवाला ऐसा ही एक आरोपी इंडोनेशिया भाग गया है।

इंदौर क्राइम ब्रांच को ऐसी 20 शिकायतें मिली हैं। इसमें करोड़ों की ठगी की गई है। क्राइम ब्रांच की जांच में यह भी पता चला है कि ठग चैरिटी के नाम पर अपना बाजार बना रहे हैं। वे पहले ग्रुप से जुड़े व्यक्ति को मुनाफा देते हैं। फिर उसे चैरिटी करने के लिए कहते हैं। चैरिटी के दौरान ठग कंपनी का बोर्ड लगा फोटो भी शेयर करवाते हैं।

सोशल मीडिया में जारी इस पोस्ट में कहा जाता है कि इस व्यक्ति ने ग्रीन एनर्जी प्रोडक्ट में निवेश किया है। आज यह व्यक्ति इतना पैसे वाला बन गया कि चैरिटी कर रहा है। इससे दूसरे लोग भी इस ग्रुप से जुड़ने के लिए प्रेरित होते हैं।

100 करोड़ की धोखाधड़ी कर इंडोनेशिया भागा आरोपी
डीसीपी अग्रवाल ने बताया, 2022 में ग्रीन एनर्जी में निवेश के नाम पर 100 करोड़ की धोखाधड़ी हुई थी। गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा था। एक सदस्य हर्षित पोलरा इंडोनेशिया भाग गया है।

ऐसे होती धोखाधड़ी
पुलिस की मानें तो ठग नामचीन कंपनियों में निवेश का झांसा देते हैं। कोई ग्रीन एनर्जी, जनरेटर, सोलर पैनल, विंड मिल, चश्मा, वेजिटेबल, वाइन जैसे प्रॉडक्ट में निवेश करने पर 40-90 प्रतिशत मुनाफा दिलाने की बात कहता है। 10 हजार रुपए के निवेश पर 30 हजार रुपए तक मुनाफा देने का दावा किया जाता है।

1. वाट्सऐप, टेलीग्राम और अन्य ऐप से होती है ठगी।
2. पहला शिकार वह होता, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मिले ऐप ज्वॉइन करने के निमंत्रण को स्वीकार कर लेता है।
3. ऐप पर आते ही उसे कोड मिलता है। इससे उसे परिचितों को ऐप से जोड़ने को कहा जाता है। लोगों को जोड़ने पर प्रति व्यक्ति 500 रुपए तक कमीशन भी मिलता है।
4. कमीशन के लालच में लोग ऐप से परिचितों को जोड़ते हैं। इससे सैकड़ों-हजारों लोगों की चेन बन जाती है।
5. छोटे निवेश पर तीन गुना फायदा देने की बात करते हैं। पहली बार जुड़े लोगों को लाभ खाते में देते हैं।
6. यह लाभ बैंकों में खुले फर्जी चालू खाते में जमा होती है। इससे लोगों का यकीन बढ़ता है और फिर ठगों की गैंग मोटी रकम लूटकर निकल जाती है।



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