इंदौर. महापौर पुष्यमित्र भार्गव आज सुबह बर्फानीधाम पानी की टंकी और वार्ड-30 में पहुंचे। उनके साथ विधायक रमेश मेंदोला भी थे। रहवासियों ने महापौर से कहा कि साहब नल में पानी आता नहीं पर जलकर का बिल जरूर आता जाता है। इस पर उन्होंने मामले को दिखवाकर जल्द ही समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया।
दो नंबर विधानसभा के वार्ड-30 का निरीक्षण आज सुबह महापौर भार्गव ने किया। इस दौरान वे जलप्रदाय व्यवस्था को समझने के लिए बर्फानी धाम पानी की टंकी परिसर में पहुंचे। यहां पर विधायक रमेश मेंदोला, सभापति मुन्ना लल यादव, जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर, अपर आयुक्त अभिषेक गहलोत, क्षेत्रीय पार्षद मनीषा गोगरे और जोनल अफसर बृजमोहन भगोरिया आदि मौजूद थे। महापौर भार्गव ने वार्ड में जलप्रदाय व्यवस्था के संबंध में जानकारी कार्यपालन यंत्री संजीव श्रीवास्तव से ली।
इसके बाद उन्होंने बर्फानी धाम नगर, कृष्ण बाग कॉलोनी, सुंदर नगर व आसपास के क्षेत्र में पैदल भ्रमण करते हुए क्षेत्रीय लोगों से पेयजल एवं सफाई व्यवस्था के संबंध में चर्चा की। इस दौरान रहवासियों ने कहा कि नल में पानी आता नहीं और जलकर का बिल जरूर आ जाता है। गंदे पानी की समस्या के संबंध में जानकारी लेने पर लोगों ने बताया कि पानी समय पर नहीं आता और न ही पर्याप्त मिलता है। इस पर महापौर भार्गव ने मामले को दिखवाकर समस्या का समाधान जल्द ही कराने का आश्वासन दिया।
उन्होंने जलप्रदाय विभाग के अफसरों से कहा कि अमृत-2 अभी तो बहुत दूर की बात है। वर्तमान में क्या व्यवस्था की जाए इस पर काम होना चाहिए ताकि नागरिकों को पर्याप्त जल प्राप्त हो सके। उन्होंने अफसरों से कहा कि किन-किन कॉलोनियों में जल प्रदाय की क्या व्यवस्था है। पानी की टंकी कितनी है और कितनी कॉलोनियों में जल प्रदाय होता है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर दें। जल प्रदाय व्यवस्था को सुधारने के लिए पूर्व अधिकारियों से मार्गदर्शन लें।
अफसर नहीं दिखा पाए मैप
निरीक्षण के दौरान महापौर भार्गव ने जल प्रदाय व्यवस्था का मैप दिखाने का अफसरों से कहा। इस पर उपयंत्री मैप नहीं दिखा पाए। महापौर ने कहा कि जब मैप आपके पास नहीं है तो क्या जल प्रदाय करते होंगे आप। इस पर उन्होंने पानी की व्यवस्था को सुधारने और पेयजल लाइन वितरण कार्य को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।
पार्षद बोली रोना पड़ता है जनता के साथ
वार्ड में जल प्रदाय व्यवस्था इतनी खराब है कि लोगों के साथ पार्षद गोगरे का भी गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि पानी के लिए लोगों के साथ पार्षद को भी रोना पड़ता है। जलप्रदाय व्यवस्था संभावने वाले अफसर हमारे साथ 2 घंटे पानी की टंकी परिसर में बैठेंगे तो पता पड़ेगा कि पानी की कितनी समस्या है।
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