बदलग शपग क तरक Electronics आइटम क पकग पर QR कड स मलग सभ जनकरय

<p style="text-align: justify;"><strong>Electronics Items:</strong> देश में सामानों की खरीदारी और खासकर इलेक्ट्रोनिक्स की खरीद में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि Electronic सामान की पैकिंग पर QR कोड की व्यवस्था आज से लागू हो गई है. जागो ग्राहक जागो इसके लिए नोटीफिकेशन जारी कर दिया है जो आज से ही प्रभाव में भी आ चुका है. मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर्स अफेयर्स की ओर से इसकी जानकारी नोटिफिकेशन के तौर पर जारी की गई है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्या होगा बदलाव</strong></p> <p style="text-align: justify;">इसके माध्यम से इलेक्ट्रोनिक्स के छोटे पैक पर जानकारी मिलनी आसान होगी जो कंज्यूमर के हितों को बचाए रखेगा. दरअसल पैकिंग पर QR कोड में उत्पादन, उत्पाद, इम्पोर्ट, इस्तेमाल, पैक में आइटम, शिकायत नंबर आदि की डिटेल्स भी सब एक साथ मिल जाएंगी. इससे कंज्यूमर को अपने खरीदे हुए प्रोडक्ट्स से जुड़ी अहम जानकारियां उसी क्यूआर कोड को स्कैन करके आसानी से मिल पाएंगी.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>इस नई व्यवस्था के तहत चार श्रेणियों में पैकेज्ड आइटम की जानकारी मिल पाएगी.</strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong>1.</strong> अगर पैकेज्ड आइटम पर मैन्यूफैक्चरर, पैकर या इंपोर्टर की जानकारी अलग तरह से साफ-साफ ना दी गई हो तो एक क्यूआर कोड को स्कैन करके इसे हासिल करने की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा उत्पादन के ऐड्रेस और पैकेजिंग की जानकारी अगर पैकेट पर नहीं है तो ये सुनिश्चित करना होगा कि क्यूआर कोड स्कैन करके कंज्यूमर इसे प्राप्त कर सके.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>2.</strong> इलेक्ट्रोनिक प्रोडेक्ट के पैकेट पर दिए क्यूआर कोड के जरिए ग्राहक को इस बात का पता चल जाना चाहिए कि उत्पाद कब बना है- कहां बना है, इसके अलावा उस प्रोडेक्ट का जेनरिक नाम और कमोडिटी नाम भी मिलना चाहिए. वहीं अगर कमोडिटी एक से ज्यादा हैं तो डिब्बे में मौजूद हर प्रोडक्ट, उसकी संख्या, मैन्यूफैक्चरिंग डेट से लेकर उत्पादन, उत्पाद, इम्पोर्ट, इस्तेमाल, पैक में आइटम, शिकायत नंबर आदि की डिटेल्स भी मिलनी चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>3.</strong> अगर पैकेट पर संबंधित जानकारी ना दी गई हो तो क्यूआर कोड के जरिए सारी जानकारी मिलने का सिस्टम मुहैया कराना होगा.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>4.</strong> क्यूआर कोड के जरिए पैकेट के उत्पादन का नाम, ई-मेल ऐड्रेस से लेकर टेलीफोन नंबर भी मिलना चाहिए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें</strong></p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://ift.tt/BNos2fD Penalty: रिजर्व बैंक ने इन तीन बड़े बैंकों पर लगाया जुर्माना, Axis Bank का नाम भी शामिल</strong></a></p>

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