इंदौर में बांसुरी वादक तैयार करेंगे पंडित हरिप्रसाद चौरसिया

इंदौर। भारतीय शास्त्रीय संगीत की पुरातन विधाओं में से एक बांसुरी वादन में पंडित हरिप्रसाद चौरसिया का सबसे ख्यात नाम है। वे इंदौर में अपने शिष्य तैयार करना चाहते हैं। इसके लिए गुरुकुल की स्थापना की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से जमीन मांगी है। प्रशासन ने जमीन की तलाश शुरू कर दी है।

भारतीय संगीत में बांसुरी का विशेष महत्व है। इसके पीछे एक आस्था भी जुड़ी हुई है। भगवान श्रीकृष्ण का यह प्रिय वाद्य देश के ख्यातनाम बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरारिया इस विधा को आगे बढ़ाने के लिए शिष्य तैयार कर रहे हैं। इसके चलते उन्होंने इंदौर में भी एक गुरुकुल खोलने की इच्छा जाहिर की है। इसे उनके शिष्य संतोष संत संभालेंगे।
इसको लेकर चौरसिया ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को एक पत्र लिखा था। वह पत्र अब इंदौर जिला प्रशासन के पास पहुंच गया है। प्रशासनिक महकमा इसे प्राथमिकता से ले रहा है। नजूल विभाग की प्रभारी अधिकारी व अपर कलेक्टर सपना लोवंशी ने सभी एसडीओ को पत्र लिखकर गुरुकुल के लिए सरकारी जमीन की जानकारी मांगी है। 4 से 5 एकड़ जमीन की तलाश कर रिपोर्ट देने का कहा गया है।

ये लिखा है पत्र में
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में चौरसिया ने कहा वाद्य बांसुरी अर्थात वेणु के प्रसार, वादन की अखंडता और भावी पीढ़ी को इसके प्रशिक्षण के लिए हमने इंदौर में वेणु गुरुकुल स्वरवेणु संगीत प्रशिक्षण संस्था की स्थापना की है। निर्देशक संतोष संत होंगे। संत मध्यप्रदेश के ही हैं। इस वेणु विद्या को आगे बढ़ाने के लिए इंदौर को इस कला साधना का केंद्र बनाने के प्रयास हैं। गुरुकुल में देश भर के अनेक होनहार, गरीब, पिछड़े व आदिवासी युवा कलाकारों को आवासीय सुविधा देकर वेणु विद्या का दान किया जाएगा। हमारी इस पहल को अपना समर्थन व सहयोग प्रदान करें।



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