
इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण का बजट पेश होने वाला है जिसको लेकर दो दिन पहले भाजपा कार्यालय पर मंथन हुआ। अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने सभी से राय मांगी जिस पर विधायक रमेंश मेंदोला ने खरी-खरी सुना दी। बोल दिया कि बड़े-बड़े बिल्डर व कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचा रहे हो। जरा गरीबों पर भी ध्यान दे दो। ये सुनकर चावड़ा सकते में आ गए, बाकी सारे नेता भी स्तब्ध थे। बाद में उन्होंने कहानी को समझने का प्रयास किया।
रविवार को दीनदयाल भवन में दोपहर तीन बजे कोर कमेटी की बैठक बुलाई गई थी। जिसमें अध्यक्ष चावड़ा व उपाध्यक्ष गोलू शुक्ला के अलावा सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़, वरिष्ठ नेता मधु वर्मा और नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे प्रमुख रूप से मौजूद थे।
चावड़ा ने बताया कि पांच हजार करोड़ रुपए का बजट तैयार किया है। इसमें एलआइजी से नौलखा चौराहे तक एलिवेटेड ब्रिज को लेकर मंथन चल रहा है जिसकी वजह से हमने दो दिन बजट को रोक लिया है।
इसके अलावा आप लोगों के भी कोई सुझाव हो तो बताए। ये सुनकर विधायक रमेश मेंदोला ने तीखा कटाक्ष करते हुए चावड़ा की घेराबंदी कर दी। कहना था कि बड़े-बड़े बिल्डर व कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचा रहे हो। जरा गरीबों पर भी ध्यान दे दो। उनको लेकर भी कोई योजना लागू की जाए। उनको भी लगना चाहिए कि कॉलोनाइजर व बिल्डर के अलावा प्राधिकरण उनकी भी चिंता करता है।
इशारों ही इशारों में मेंदोला ने चावड़ा को बता दिया कि वे योजना 171 में गृह निर्माण संस्था के सदस्यों के अलावा अन्य जमीन मालिकों को निजी विकास की अनुमति के मुद्दे पर खासे नाराज हैं। इशारों में उन्होंने समझा दिया कि प्राधिकरण में क्या चल रहा है ये उन्हें सब मालूम है। इसके अलावा एलआइजी से नौलखा के बीच बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज को लेकर मेंदोला ने बीआरटीएस खत्म करने की बात भी कही। बैठक में मेंदोला को रूख देखकर सब सकते में थे।
कई मार्गों पर दिनभर वाहन होते हैं गुत्थमगुत्था
एमजी रोड के अलावा इंदौर में सबसे ज्यादा व्यस्त कोई मार्ग है तो वह जवाहर मार्ग। सराफा, कपड़ा मार्केट, मारोठिया, बर्तन बाजार, यशंवत रोड, सियागंज, रानीपुरा का मार्केट इसी मार्ग से जुड़ा हुआ है। दिनभर वाहन गुत्थमगुत्था होते हैं। वाहन चालक की फजीहत हो जाती है जिसको देखते हुए महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जवाहर मार्ग पर एलिवेटेड ब्रिज बनाने की बात कही। इस पर विधायक मालिनी गौड़ ने खुला विरोध कर दिया। कहना था कि ब्रिज की आवश्यकता नहीं है जिस पर भार्गव का कहना था कि जनता के नजरिए से देखकर सोचें। शहर अब सीमित नहीं है उसकी आवश्यकता है।
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