नई दिल्ली: जब कोई देश जंग लड़े बिना अपनी प्लानिंग या कहिए गुप्त रणनीति से ही विरोधी पर हावी हो जाता है तो उसे कूटनीति यानी डिप्लोमेसी कहते हैं। चाणक्य को भारतीय कूटनीति का मास्टर माना जाता है। उन्होंने कूटनीति के 4 सिद्धांत बताए थे- साम यानी चालाकी या समझा कर, दाम यानी मूल्य या रिश्वत देकर, दंड यानी शक्ति का प्रयोग और आखिरी होता है भेद यानी भय अर्थात् नष्ट कर देना। भारत के पड़ोसी पाकिस्तान और चीन की बात करने से पहले विदेश नीति को भी समझ लीजिए। यह पूरा शक्ति संतुलन का खेल होता है। कोई भी देश किसी दूसरे राष्ट्र से कैसे व्यवहार करेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उनके बीच शक्ति संतुलन किस ओर है। चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। 'कंगाल' हो चुका पाकिस्तान कश्मीर के सपने देख रहा है और इस चक्कर में आतंक की नर्सरी बना रखी है। दोनों पड़ोसियों को भारत ने दिल्ली से बड़ा संदेश दिया है। रक्षा मंत्रियों की SCO समिट के लिए चीन के रक्षा मंत्री आए थे, उधर बांग्लादेश के सेना प्रमुख दिल्ली में थे। भारत की तरफ से जो कदम उठाया गया उसने दोनों पड़ोंसियों को जैसे का तैसा स्टाइल में जवाब मिल गया।
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News https://ift.tt/V21c4ay
from India News: इंडिया न्यूज़, India News in Hindi, भारत समाचार, Bharat Samachar, Bharat News https://ift.tt/V21c4ay