Guru-Chandal yoga 2023: 15 मई के बाद असर दिखाएगा चांडाल योग, कई देशों में दिखेगी राजनीतिक उठा-पटक, भारत में भी बड़े बदलाव के संकेत

Guru-Chandal yoga 2023 Impact on your zodiac sign, Indian and world: धन और सौभाग्य के कारक देव गुरु बृहस्पति ने 22 अप्रैल को मीन राशि छोड़ते हुए मेष राशि में प्रवेश कर लिया है। बृहस्पति का यह राशि परिवर्तन मध्यम फलदायी माना जा रहा है। यहां बृहस्पति की राहु के साथ युति बन गई है और वो शनि के प्रभाव में भी रहेंगे। ज्योतिष एक्सपर्ट की मानें, तो मेष राशि में देव गुरु बृहस्पति और राहु की युति 36 साल बाद हुई है। गुरु-राहु की यह युति मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकती है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में जानें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला के मुताबिक 36 साल बाद बनी इस युति से जहां कुछ राशियों के लोगों की किस्मत में चार चांद लगेंगे, बल्कि 15 मई के बाद राहु और गुरु की यह युति ज्यादा प्रभावि नजर आएगी। दरअसल वर्तमान में सूर्य और बुध की युति भी मेष राशि में बनी हुई है। जिससे बुधादित्य योग भी बना हुआ है। लेकिन जैसे ही सूर्य देव अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे, तो राहु और गुरु की युति से बना गुरु चांडाल योग ज्यादा प्रभावी होगा। सूर्य देव 15 मई को राशि में परिवर्तन करते हुए वृषभ संक्रांति के योग बनाएंगे। उसके बाद ही चांडाल योग प्रभावी होगा और देश-दुनिया में इसका असर दिखाई देगा। जानें आपकी राशि पर चांडाल योग दिखाएगा कैसा प्रभाव, वहीं देश-दुनिया में कैसी रहेंगे हालात...

मेष
गुरु और राहु की युति मेष राशि के लग्न भाव में हुई है। इसके कारण इन लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। कॅरियर में बड़े परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं। संतान और विवाह के मामलों में भी तेजी आएगी। इस राशि के लोगों को गुरु और राहु की इस युति की अवधि में यानी अगले 6 महीने तक नियमित रूप से किसी धार्मिक स्थल पर जाना चाहिए।

वृष
वृष राशि वाले लोगों को गुरु-राहु की इस युति के दौरान सेहत का ख्याल रखना होगा। मुकदमेबाजी, कारावास और अपयश से बचकर रहना होगा। संतान पक्ष और वैवाहिक जीवन का भी विशेष ख्याल रखें। नियमित रूप से बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

मिथुन
गुरु-राहु की इस युति में संतान पक्ष की उन्नति होगी। विवाह तय होने का योग बनेगा। आर्थिक स्थिति में लगातार सुधार होता जाएगा। हालांकि इस दौरान अहंकार से बचें। पूजा-पाठ में ध्यान लगाएं।

कर्क
कर्क राशि के लिए गुरु-राहु की यह युति की अवधि कॅरियर में बड़े परिवर्तन लाने वाली रहेगी। सेहत को लेकर भी उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। संतान और विवाह के मामलों में विलम्ब हो सकता है। अगले 6 महीने तक की अवधि में यानी अक्टूबर तक आप गुरु मंत्र का जाप करें और शिव जी की पूजा-अर्चना करें।

 

सिंह
गुरु-राहु की इस युति की अवधि में आपके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति में लगातार सुधार होगा। संतान पक्ष की विशेष उन्नति होगी। इस समय विवाह और संतान के मामलों में तेजी आएगी। इस अवधि में यानी 6 महीने तक आपको नियमित रूप से हल्दी मिला हुआ जल सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए।

कन्या
गुरु-राहु की युति की इस अवधि में कन्या राशि वाले लोगों को सेहत को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। पेट की समस्याएं परेशान कर सकती हैं। इस अवधि में अपयश से बचें। वैवाहिक और पारिवारिक जीवन का खास ख्याल रखें। अगले 6 महीने तक यानी अक्टूबर तक नियमित रूप से बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

तुला
गुरु-राहु की युति की इस अवधि में तुला राशि वालों के जीवन की सभी रुकावटें दूर होती जाएंगी। विवाह के मामलों में तेजी आएगी। हालांकि इस अवधि में कोई भी बड़ा निर्णय लेने में सावधानी बरतें। अगले 6 महीने तक नियमित रूप से किसी धार्मिक स्थल पर जाते रहें।

वृश्चिक
गुरु-राहु की यह युति वृश्चिक राशि वालों के जीवन में बड़ी रुकावटें ला सकती है। संतान और कॅरियर के मामले में बाधा आ सकती है। किसी दूरस्थ स्थान से थोड़ा लाभ हो सकता है। इस युति की अवधि में यानी अगले 6 महीने तक गुरु मंत्र का जाप करें या फिर शिव जी की पूजा-अर्चना करें।

 

धनु
गुरु और राहु की युति अगले 6 महीने तक रहेगी। इस अवधि में धनु राशि वाले लोगों की शारीरिक और मानसिक सेहत में सुधार होगा। कॅरियर और आर्थिक स्थिति बेहतर होती जाएगी। संतान और पारिवारिक मामलों में उन्नति होगी। इस अवधि में नियमित रूप से हल्दी मिला हुआ जल सूर्य देव को अर्पित करें।

मकर
गुरु-राहु की युति अगले 6 महीने तक रहने वाली है। अक्टूबर में राहु के राशि परिवर्तन के साथ ही यह युति खत्म हो जाएगी। इस अवधि में मकर राशि वाले लोगों के स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं। सेहत को लेकर परेशानी हो सकती है। इस अवधि में आप अपनी मांकी सेहत को लेकर कुछ परेशान हो सकते हैं। संपत्ति सम्बन्धी कार्यों में पूरी तरह से सावधानी रखें। अगले 6 महीने तक नियमित रूप से बृहस्पति मंत्र का जाप करें।

कुंभ
गुरु और राहु की युति की 6 महीने की इस अवधि में कुंभ राशि वाले लोगों के लिए विवाह और संतान के मामलों में तेजी लाने वाली रहेगी। कॅरियर और शिक्षा प्रतियोगिता में इन्हें लाभ होगा। हालांकि इस अवधि में आपको सेहत को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। वहीं नियमित रूप से किसी धार्मिक स्थल पर जाते रहें।

मीन
गुरु और राहु की युति 36 साल बाद बनी है। यह अगले 6 महीने तक रहेगी। इस अवधि में मीन राशि के लोगों को धन, शिक्षा और वाणी के मामले में लाभ होगा। कॅरियर के मामले में सफलता मिलेगी। धर्म और अध्यात्म की तरफ आपका झुकाव भी बढ़ेगा। अगले 6 महीने तक अहंकार से बचें और पूजा-पाठ में मन लगाएं।

 

15 मई के बाद प्रभावी होगा चांडाल योग
15 मई के बाद राहु-गुरु का चांडाल योग प्रभावी हो जाएगा। यह 30 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। उसके बाद राहु के गोचर से यह युति खत्म हो जाएगी। इसके असर से चुनावी राज्यों और राष्ट्रों में परिस्थिति अनुसार परिवर्तन हो सकते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला ने बताया वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर 22 अप्रैल को सुबह 6.24 पर गुरु का मीन राशि को छोड़कर मेष में प्रवेश हुआ। मेष राशि में पहले से ही राहु, बुध का गोचर चल रहा है। वहीं 15 अप्रेल को सूर्य ने भी मीन राशि छोड़कर मेष राशि में प्रवेश किया जिससे सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग भी बन गया है। इस दृष्टि से सूर्य, राहु, बुध की युति के साथ ही गुरु के प्रवेश के बाद मेष राशि में 4 ग्रहों की युति बन रही है। जिससे चतुर्ग्रही योग बना हुआ है। 4 ग्रहों का एक राशि में इस प्रकार का गोचर राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और प्राकृतिक दृष्टिकोण से कई परिवर्तन करवाएगा।

कब बनती है चांडाल योग की स्थिति
गुरु-राहु के चांडाल योग में ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग मत बताए गए हैं। इनमें एक स्थान पर यह कहा जाता है कि राहु-गुरु की युति चांडाल योग कहलाती है और कुछ स्थानों पर जब गुरु या राहु पाप ग्रहों की राशि पर संचरण करते हैं, तब चांडाल योग की स्थिति बनती है।

चुनावी राष्ट्रों व राज्यों में बदलेंगे समीकरण
ग्रहों की युति के कारण इसके प्रभाव आने वाले समय में कई देशों और राज्यों में होने वाले चुनावों पर आंतरिक गुटबाजी के कारण परिणामों को प्रभावित करने की स्थिति दर्शा रहे हैं। क्योंकि इस समय संतुलित विचारधारा एवं सम्मान की भावना आपस में रहे तो परिणाम अच्छे आएंगे। हालांकि 15 मई के बाद कई देशों में राजनीतिक हलचल देखने को मिलेगी। भारत की राजनीति में भी बड़ा बदलाव नजर आ सकता है।

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