किसानों को दबंगों ने पीटा... एक की मौत

 इंदौर। तीन साल कोर्ट में संघर्ष करने के बाद फैसला 14 गरीब दलित परिवारों के पक्ष में आया था। प्रशासन ने जमीन पर कब्जा भी दिलाया, लेकिन मौके पर पहुंचे तो दबंगों ने हमला कर दिया। हाथ में आए एक दलित की जमकर पिटाई की गई। पिता को बचाने पहुंचे चार बहू-बेटों को भी बेरहमी से पीटा गया। हमले में पिता की मौत हो गई तो एक बेटा गंभीर हालत में है। प्रशासन ने रातोरात दबंगों के मकान धराशायी कर दिए तो नौ लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

ये मामला देपालपुर तहसील के काकवा गांव का है, जहां मायाराम बागरी सहित 14 गरीबों को सरकार ने 2003 में खेती कर जीवन यापन करने के लिए जमीन पट्टे पर दी थी। उस जमीन पर बरसों से बाबूसिंह और उनके परिजनों ने कब्जा कर रखा था। आने-जाने नहीं दिया तो सभी पीडि़तों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसका फैसला उनके पक्ष में आया।
कोर्ट के आदेश बाद वे अपर कलेक्टर राजेश राठौर से मिले। पूरी जानकारी दी तो उन्होंने क्षेत्रीय एसडीएम रवि वर्मा को तुरंत कब्जा दिलाने के निर्देश जारी किए। 22 फरवरी को प्रशासनिक अमला पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा। जमीन की नप्ती की गई और मायाराम सहित सभी को कब्जा सौंपा गया। उसके बावजूद बाबूसिंह के परिवार ने सभी को धमकी दे दी थी कि वे मौके पर गए तो ठीक नहीं होगा।

घेरकर किया हमला
दो दिन पहले पट्टेदार जमीन पर पहुंचे तो बाबूसिंह व परिजन ने घेरकर हमला कर दिया। उस दौरान मायाराम पकड़ में आ गया। विवाद की खबर सुनकर मायाराम का बेटा मेहरबान और शांतिलाल पत्नियों के साथ मौके पर पहुंचे तो दबंगों ने उनकी पिटाई कर दी। उनके अलावा दो अन्य घायल भी थे, जिन्हें बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर मायाराम की कल मौत हो गई। इधर, पुलिस ने बाबूसिंह सहित 9 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। देर रात जब घायलों के स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ तो सभी को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
खबर लगते ही दलित नेता मनोज परमार व बागरी समाज के अध्यक्ष नरेंद्र बागरी अस्पताल पहुंचे। मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक भगवानसिंह बिरदे व डीआइजी चंद्रशेखर सोलंकी से मुलाकात कर सबसे पहले आरोपियों के मकानों को ध्वस्त करने की मांग की तो मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने को कहा, तब कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से बात कराई गई तो उन्होंने मदद का आश्वासन दिया। कुछ देर में अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर 50 हजार रुपए नकद लेकर पहुंचे, ताकि दाह संस्कार कराया जा सके। उसके अलावा 20-20 हजार रुपए घायलों की मदद के लिए दिए।

परिजन को एक करोड़ व सरकारी नौकरी देने की मांग

खबर लगते ही दलित नेता मनोज परमार व बागरी समाज के अध्यक्ष नरेंद्र बागरी अस्पताल पहुंचे। मौके पर मौजूद पुलिस अधीक्षक भगवानसिंह बिरदे व डीआइजी चंद्रशेखर सोलंकी से मुलाकात कर सबसे पहले आरोपियों के मकानों को ध्वस्त करने की मांग की तो मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपए और सरकारी नौकरी देने को कहा, तब कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी से बात कराई गई तो उन्होंने मदद का आश्वासन दिया। कुछ देर में अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर 50 हजार रुपए नकद लेकर पहुंचे, ताकि दाह संस्कार कराया जा सके। उसके अलावा 20-20 हजार रुपए घायलों की मदद के लिए दिए।

मकान किए ध्वस्त
मायाराम की मौत के बाद दलित नेताओं ने कार्रवाई की मांग की थी। उस पर कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। अपर कलेक्टर राठौर दल-बल के साथ पहुंचे और सरकारी जमीन पर कब्जे वाले हिस्से को जमींदोज कराया। बताते हैं कि कार्रवाई नहीं ंहोने पर गांव का दलित समाज मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा था। उससे पहले ही कार्रवाई कर दी गई।

हालत चिंताजनक
अपने पिता को बचाने पहुंचे मेहरबान की दबंगों ने जमकर पिटाई की। हाथ पर तो ठीक उसे अंदरूनी गंभीर चोट आई है, जिसकी वजह से उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हालांकि प्रशासनिक अफसर लगातार डॉक्टरों से संपर्क में है और स्वास्थ्य जानकारी ले रहे हैं। वहीं, शांतिलाल की रीड की हड्डी टूट गई है।

सरकारी महकमा चिंतित
आदिवासी युवती की हत्या और उस पर बवाल के दौरान पुलिस की गोली से मरे युवक को लेकर पहले ही राजनीतिक बवाल चल रहा है। युवक के घर बैठने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ आज इंदौर आ रहे हैं। सरकारी महकमे को चिंता है कि कहीं इस घटना पर भी राजनीतिक रंग ना चढ़ जाए। बताते हैं कि मायाराम कांग्रेस का कार्यकर्ता भी था। इधर घटनाक्रम की जानकारी लगातार सरकार को भी दी जा रही है। कल कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेता जरूर बवाल करने वाले थे लेकिन प्रशासन की कार्रवाई के बाद वे शांत हो गए।

दाह संस्कार में भारी पुलिस बल तैनात
मायाराम की मौत के बाद आज सुबह बड़े अस्पताल से पोस्टमार्टम के बाद शव को गांव काकवा ले जाया गया। शव के साथ में दलित नेता परमार और बागरी समाज अध्यक्ष बागरी भी थे। उनके अलावा ग्रामीण डीआइजी सोलंकी और एसपी बिरदे एम्बुलेंस के साथ चल रहे थे। इधर, दाह संस्कार से पहले ही बड़ी संख्या में ग्रामीण इक_ा हो गए थे तो कानून व्यवस्था बनाने के लिए अपर कलेक्टर राठौर व एसडीएम वर्मा भी तैनात थे। प्रशासन और पुलिस का प्रयास था कि जल्द से जल्द मायाराम का अंतिम संस्कार हो जाए।



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