140 साल पुराने नाटक ने दीपावली की सुबह को किया रंगीन

इंदौर. दीपावली के उत्साह को सांस्कृतिक धरोहरों के साथ और भी हर्षोल्लासित करने की अपनी परंपरा को संस्था सानंद ने आज भी जारी रखा। संस्था सानंद ने अपनी पंरपरा के मुताबिक दीपावली प्रभात पर संगीतमय नाटक संगीत सौभद्र संगीत का मंचन किया गया।
140 साल पुराने इस नाटक को अण्णा साहब किर्लोस्कर ने लिखा था। इस नाटक की खासियत है कि इसके संवाद आम संवादों की तरह न होकर शास्त्रीय संगीत पर आधारित है। इसमें कलाकार अपने संवाद गाने के रूप में बोलते हैं। अर्जुुन-सुभद्रा के विवाह पर आधारित साढ़े तीन घंटे के इस नाटक का मंचन करने में शहर के युवा रंगकर्मी भी आगे आए। सानंद के सदस्यों के साथ विभिन्न प्रोफेशन से जुड़े कलाकारों ने इस नाटक में भाग लिया। इंदौर के रंगकर्मी नाटक का मंचन करने के दौरान शास्त्रीय संगीत पर आधारित 3 से 4 मिनट लंबे संवाद गाते हुए सटिक अभिनय करते दिखे। उनका अभिनय इतना सटिक था कि संगीतमय होने के बाद में भी नाटक काफी सहज था। सुबह खेले गए इस नाटक का निर्देशन अशोक अचवट ने किया। तीन दृश्यों में हुए इस नाटक में पहले दृश्य में महाभारत के मुख्य पात्र अर्जुन की यात्रा की शुरूआत से जुड़ा है, उसकी सुभद्रा के लिए प्रेम स्वीकृती और श्रीकृष्ण का विवाह के लिए पृष्ठभूमि तैयार करने का मंचन किया गया। वहीं दूसरे दृश्य जिसे नारद मुनि का नाम दिया गया है, उसमें कृष्ण महल, सुभद्रा का राक्षस से बचाव और बलराम का अपनी बहन सुभद्रा के प्रति प्यार दिखाया गया है। वहीं तीसरे दृश्य में मुश्किलों के बीच सुभद्रा हरण और अर्जुन से विवाह का मंचन कलाकारों ने किया।



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