सिरपुर तालाब में वर्षभर रहेगा पानी

इंदौर. छोटा सिरपुर तालाब पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनना शुरू हो गया है। इससे तालाब में जलस्तर वर्षभर एक समान रहेगा, जो गर्मी के दिनों में कम हो जाता और तालाब का अधिकतर हिस्सा सूख जाता है। एसटीपी बनने से पश्चिम क्षेत्र की कई कॉलोनियों के बगीचों को फायदा मिलेगा।


नगर निगम ने छोटा सिरपुर तालाब पर 20 एमएलडी एसटीपी बनाने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए 10 किलो मीटर सीवर नेटवर्क यानी पाइप लाइन बिछाई जा रही है। साथ ही ट्रीट वाटर पुन: उपयोग करने के लिए री-यूज वाटर सप्लाय के लिए ओवर टैंक बनाकर पाइप लाइन का नेटवर्क बिछाया जाएगा। एसटीपी पर सीवर का पानी हवा बंगला, फूटी कोठी, द्वारकापुरी, प्रजापत नगर, साई बाबा नगर, श्रद्धापुरी कॉलोनी और विदुर नगर सहित कई कॉलोनियों से पाइप लाइन के जरिए आएगा। शहर के पश्चिमी क्षेत्र की ये सभी कॉलोनियां सिरपुर तालाब के ऊपरी क्षेत्र में स्थित हैं। निरंतर आवासीय क्षेत्र बढऩे से सीवर की मात्रा में वृद्धि हो रही है। अभी इन कॉलोनियों से सीवर का पानी पाइप के जरिए 20 किलोमीटर दूर कबीटखेड़ी पर बने 245 एमएलडी के एसटीपी पर ग्रेविटी फ्लो से पहुंचता है, इसलिए सिरपुर तालाब पर एसटीपी बनाया जा रहा है। यहां ट्रीट होने वाले पानी से पश्चिम क्षेत्र के हवा बंगला, फूटी कोठी, सुदामा नगर, ऊषा नगर, स्कीम-71 और अन्नपूर्णा क्षेत्र आदि कॉलोनियों के बगीचों की ङ्क्षसचाई होगी, वहीं बचा पानी सिरपुर तालाब में छोड़ा जाएगा। इससे सिरपुर तालाब में जल स्तर वर्षभर समान रहेगा। एसटीपी, ओवर टैंक निर्माण और पाइप लाइन का नेटवर्क बिछाने पर निगम 40 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च करेगा। एसटीपी निर्माण का ठेका निगम ने दिल्ली की सीमा लैब कंपनी को दिया है।


तय समय में पूरा करने का प्रयास
इधर, जल यंत्रालय एवं ड्रेनेज विभाग के कार्यपालन यंत्री सुनिल गुप्ता का कहना है कि सिरपुर तालाब पर अतिक्रमण रोकने के लिए सीमांकन कर तार फेंङ्क्षसग कर दी गई है। साथ ही एसटीपी का निर्माण शुरू कर दिया है। इसको लेकर जमीन की खुदाई और मिट्टी परीक्षण पिछले दिनों हो गया था। अब निर्माण कार्य शुरू किया गया है। प्रयास रहेगा कि तय समय में काम पूरा कर लिया जाए। इसके लिए ठेकेदार कंपनी को काम तेज करने की हिदायत दी है। एसटीपी बनने से तालाब और पश्चिम क्षेत्र की कॉलोनियों के बगीचों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि तालाब का सीमांकन होने के बाद लगातार मॉनिटङ्क्षरग की जा रही है कि फिर से अवैध निर्माण और अतिक्रमण न हो सके।



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