Problems in 2022- शनि सहित राहु व केतु के बुरे प्रभावों से पूरे साल 2022 में आपकी व आपके परिवार की रक्षा करेगा ये उपाय

Problems of 2022: नए साल यानि 2022 की शुरुआत ही जहां कालसर्प योग से हुई है, वहीं साल 2022 में समस्त ग्रह राहु केतु के बंदी बन कर रहने वाले हैं। ऐसे में एक ओर जहां कालसर्प योग का प्रभाव पूरी तरह से साल पर रहेगा, वहीं इस साल सभी राशि वाले जातकों पर राहु केतु का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके अलावा इस नए साल 2022 के राजा भी शनि हैं और इन्हें भी क्रूर ग्रह माना गया है।

दैत्य ग्रह होने के चलते राहु व केतु को अच्छा नहीं माना जाता, ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला के अनुसार इनका नकारात्मक प्रभाव इतना तेज़ होता है कि आपकी कुंडली में विराजमान कई प्रकार के शुभ योग भी समाप्त हो जाते हैं। यह तीनों ग्रह इंसानों के प्रति क्रूर स्वभाव वाले ग्रह माने गए हैं। जिन्हें लोग अपनी बदकिस्मती का कारण मान लेते हैं।

shiv puja Tricks on monday

ऐसे में कुछ खास उपाय ज़िंदगी से शनि और राहु-केतु के सभी दोषों से मुक्ति प्रदान करते हैं। पंडित शुक्ला के अनुसार भगवान शिव की पूजा इन ग्रहों पर काफी असरदार मानी जाती है। भगवान शिव देवों के देव महादेव की कृपा की बदौलत ऐसे में इन ग्रहों की क्या मजाल की उनके भक्तों को परेशान करें। अत: यदि आपको भी अपने जीवन (अपनी कुंडली) से शनि और राहु-केतु के दुषित प्रभावों को दूर करना है तो भगवान शिव की शरण में जाएं। इसमें सबसे खास बात ये है कि कुछ आसान उपायों की मदद से ही भगवान शिव को अति प्रसन्न किया जा सकता है।

Must Read- भगवान शिव को सोमवार के दिन चढ़ाएं ये खास चीजें, पूरी होंगी आपकी सभी मनोकामनाएं

शास्त्रों के अतिरिक्त शिवपुराण के अनुसार भी भगवान शिव की पूजा करने में फूल-पत्तियों का इस्तेमाल किया जाए तो भी भगवान शंकर बहुत खुश होते हैं। आमतौर पर लोग भगवान शिवलिंग पर बिल्व पत्र ही चढ़ाते हैं, ऐसे में यदि बिल्व पत्र के साथ ही शमी के पत्ते भी चढ़ाए जाएं तो भगवान शिव बहुत खुश होते हैं। इसके तहत आपको हर रोज सुबह सूर्योदय से पहले शिवलिंग पर तांबे के लोटे में गंगाजल के साथ शुद्ध जल मिलाकर, उसमें साफ चावल, साथ ही संभव हो तो सफेद चंदन भी मिला लें। इसके पश्चात 'नम: शिवाय ऊँ नम: शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर चढ़ाएं।

Must Read- साल 2022 का उदय कालसर्प योग में होगा, जानें इसके आप पर असर

kal sarp yog in 2022

फिर शिवलिंग पर थोड़े साफ चावल, बिल्वपत्र, सफेद वस्त्र, जनेऊ, साफ गुड़ या चीनी और शमी के पत्ते चढ़ाएं। लेकिन इस दौरान ध्यान रखें की शिवलिंग पर शमी के पत्ते चढ़ाते वक्त आपको एक मंत्र का भी उच्चारण करना होगा जो इस प्रकार है-
अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।
इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद एक थाली में धूप, दीया और कपूर जलाकर भगवान शिव की पूजा और आरती करें। और अंत में प्रसाद ग्रहण करके परिवार में सभी को बांट दें और खुद भी ग्रहण करें।

माना जाता है कि ऐसा हर रोज करने से भगवान शिव की कृपा तो प्राप्त होती ही है साथ ही राहु केतु सहित शनि के दुष्प्रभाव का भी अंत होता है।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal https://ift.tt/3IyTgme
أحدث أقدم