पाकिस्‍तानी पिट्ठू पूर्व अफगान पीएम ने मोदी सरकार दी जहरीली धमकी, 'बागियों' को शरण न दें

काबुल भारत के खिलाफ लगातार जहरीले बयान दे रहे पाकिस्‍तान के पिट्ठू पूर्व अफगान पीएम ने मोदी सरकार को चेतावनी दी है। गुलबुद्दीन ने कहा कि भारत सरकार पूर्ववर्ती अशरफ गनी सरकार से जुड़े लोगों को अपने देश में शरण न दे। उन्‍होंने कहा कि अगर मोदी सरकार बागियों को शरण देती है तो तालिबान भी इसका जवाब देगा। काबुल के कसाई कहे जाने वाले गुलबुद्दीन आईएसआई की मदद से तालिबान के शासन में काफी शक्तिशाली हो गए हैं और भारत को धमकाने में जुट गए हैं। गुलबुद्दीन ने सीएनएन न्‍यूज 18 को दिए साक्षात्‍कार में कहा, 'विपक्ष के जिन लोगों को भारत ने शरण दी है, अगर उनसे भारत के प्रति आशंका पैदा होती है तो उन्‍हें इस तरह के शरण से पूरी तरह से बचना चाहिए।' आईएसआई के टुकड़ों पर पलने वाले गुलबुद्दीन ने कहा, 'भारत आने वाली अफगान सरकार के विपक्ष को शरण देता है और उन्‍हें तालिबान सरकार के खिलाफ गतिविधियां चलाने के लिए अपने प्‍लेटफार्म की अनुमति देता है तो वह तालिबान को भी ऐसा करने के लिए मजबूर कर देगा।' काबुल में हजारों लोगों की हत्‍या कराने का आरोप गुलबुद्दीन को वर्ष 2017 में अशरफ गनी सरकार ने माफी दे द‍िया था। इसके बाद वह पाकिस्‍तान से अफगानिस्‍तान वापस आ गए थे। गुलबुद्दीन और उनकी पाकिस्‍तान समर्थित हिज्‍ब-ए-इस्‍लामी गुर‍िल्‍ला गुट पर काबुल में वर्ष 1992 से 1996 के बीच हजारों लोगों की हत्‍या कराने का आरोप है। इसीलिए उन्‍हें काबुल का कसाई भी कहा जाता है। गुलबुद्दीन ने यह भी दावा किया कि तालिबान का कश्‍मीर में हस्‍तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है। उन्‍होंने दावा किया कि अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल भारत की बजाय पाकिस्‍तान में आतंकवाद फैलाने के लिए आसानी से इस्‍तेमाल किया जा सकता है। पूर्व अफगान पीएम ने कहा कि भारत को अफगानिस्‍तान को लेकर अपनी असफल नीतियों पर फिर से विचार करना चाहिए। गुलबुद्दीन ने वर्ष 2019 में अफगानिस्‍तान में आम चुनाव लड़ा था जिसमें उन्‍हें अशरफ गनी ने हरा दिया था। 'इमरान खान की तरह भारत भी मांगे माफी' इससे पहले हेकमतयार ने काबुल में कहा कि भारत अफगानिस्तान के लोगों को भरोसा दिलाए कि वह हमारे अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उसने इमरान खान की तरह भारत से भी अफगानिस्तान में एक गुट का समर्थन करने के लिए माफी की मांग की थी। अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े चरमपंथी गुट हिज्ब-ए-इस्लामी के नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार ने कहा कि भारत की नैतिक और राजनीतिक जिम्मेदारी है कि वो पूरी दुनिया को और हमें को ये भरोसा दिलाएं कि वो अफगानिस्तान के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा। उसने यह भी कहा कि भारत ने पहले एक समूह का समर्थन किया था। उसका इशारा अपने कट्टर दुश्मन नॉर्दन एलायंस की तरफ था।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/38COKn1
أحدث أقدم