किसानों के प्रदर्शन पर बीजेपी को 'दोस्त' की नसीहत, MSP पर लिखित आश्वासन देने में क्या आपत्ति

चंडीगढ़ हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) गठबंधन का हिस्सा (जेजेपी) ने मंगलवार को कहा कि केंद्र को प्रदर्शन कर रहे किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लिखित आश्वासन देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। नए तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र के बीच जारी बातचीत के दौरान पार्टी का यह बयान आया है। जेजेपी प्रमुख एवं पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने कहा, ‘जब केंद्रीय कृषि मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कह रहे हैं कि एमएसपी जारी रहेगा, तो उस पंक्ति को जोड़ने में (कानून में) क्या आपत्ति है।’ उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि इस बात का जल्द से जल्द कोई समाधान निकले। हमने सरकार में शामिल लोगों से किसानों की समस्या का समाधान ढूंढने को कहा है।’ पढ़ें: बीजेपी-जेजेपी सरकार पर लगाया आरोप दादरी विधासभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए मंगलवार को उससे समर्थन वापस ले लिया। सांगवान ने कहा, 'मैंने किसान विरोधी इस सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। ये सरकार किसानों के साथ हमदर्दी रखने के बजाय उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले जैसे सभी उपायों का इस्तेमाल कर रही है। मैं ऐसी सरकार को अपना समर्थन जारी नहीं रख सकता हूं।' इससे एक दिन पहले केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए सांगवान ने हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। खट्टर को लिखे पत्र में सांगवान ने कहा... मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखे पत्र में सांगवान ने कहा था, 'किसानों के समर्थन में मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूरे देश की तरह, मेरे विधानसभा क्षेत्र दादरी के किसान भी कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे हालात में, उनका पूरा समर्थन करना मेरी प्राथमिकता है और नैतिक कर्तव्य भी है।' 'राजधानी की ओर करेंगे कूच' विधायक के समर्थन वापस लेने से एक साल से अधिक समय पहले बनी गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है। उसके पास 90 सदस्य विधानसभा में पूर्ण बहुमत है। फिलहाल, बीजेपी के पास 40 विधायक हैं जबकि उसकी सहयोगी जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। इसके अलावा विपक्षी कांग्रेस के 31 सदस्य हैं और इंडियन नैशनल लोकदल और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक -एक विधायक है। सात विधायक निर्दलीय हैं, जिनमें से ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला समेत पांच सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं। इस साल, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने भी खट्टर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। सांगवान ने रविवार को कहा था कि हरियाणा की कई खापों ने फैसला किया है कि वे किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च का समर्थन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी कूच करेंगे। 'किसान नेताओं को बुलाया था'कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कोविड-19 और ठंड का हवाला देते हुए किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसंबर की बजाए मंगलवार को ही बातचीत के लिए बुलाया था। गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगती सीमाओं के प्रवेश मार्गों पर मंगलवार को लगातार छठे दिन डटे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।


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