नई दिल्ली देश के पहले गृह मंत्री, 'भारत रत्न' सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 145वीं जयंती है। 'लौहपुरुष' के नाम से विख्यात पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 'राष्ट्रीय एकता और अखंडता का अग्रदूत' बताया। मोदी गुजरात के दौरे पर हैं और पटेल जयंती पर उन्होंने केवड़िया में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' जाकर सरदार को श्रद्धासुमन अर्पित किए। पीएम मोदी ने सरदार की सबसे ऊंची प्रतिमा के पास पदपूजा भी की। सरदार पटेल की जयंती को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केवड़िया में एक परेड का आयोजन भी किया गया है। 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर परेडकेवड़िया में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के पास 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर परेड का प्रधानमंत्री ने निरीक्षण किया। उन्होंने जनता को 'एकता शपथ' भी दिलाई। परेड से पहले राष्ट्रगान हुआ और उसके बाद केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। 2018 बैच के आईपीएस ओमप्रकाश ने परेड का नेतृत्व किया। परेड में राज्यों के पुलिस बल भी शामिल हुए। सीआरपीएफ की महिला अधिकारियों ने राइफल ड्रिल का प्रदर्शन भी किया। केवडिया की आदिवासी विरासत को भी एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए लोगों के सामने प्रदर्शित किया गया। 'राष्ट्रीय एकता के अग्रदूत' सरदार पटेलमोदी ने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पहुंचने से पहले, शनिवार सुबह एक ट्वीट में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी थी। उन्होंने लिखा, "राष्ट्रीय एकता और अखंडता के अग्रदूत लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि।" सरदार पटेल को आजादी के बाद 500 से ज्यादा रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। गुजरात में नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची लौह प्रतिमा का निर्माण किया गया है। इस प्रतिमा का नाम ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ रखा गया है। यह प्रधानमंत्री मोदी की ही परिकल्पना थी। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था।
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