एशिया पस्त, WHO ने कहा, 'लंबा चलेगा कोरोना'

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शनिवार को चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस की महामारी काफी वक्त तक चलने वाली है और इस वजह से इसके खिलाफ प्रतिक्रिया देने में सुस्ती आ सकती है। 6 महीने पहले WHO ने कोरोना वायरस को वैश्विक इमर्जेंसी घोषित किया था और अब तक इसने दुनियाभर में 6.8 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और 1.75 करोड़ लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। वहीं, कई देश आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं लेकिन वायरस की वजह से लॉकडाउन को लौटने को मजबूर हैं।

WHO की एक इमर्जेंसी समीक्षा समिति ने इस बात पर जोर डाला है कि इस महामारी के ज्यादा वक्त तक रहने की आशंका बढ़ गई है और ऐसे में सतत सामुदायिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक कोशिशों की जरूरत है। WHO के हालिया बयान में कोविड-19 का वैश्विक खतरे का स्तर बहुत ज्यादा बताया गया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि एक ओर जहां पश्चिमी देश फिर से लॉकडाउन की ओर लौट रहे हैं और आर्थिक सुस्ती का भी सामना कर रहे हैं, WHO का कहना है कि महामारी का असर आने वाले दशकों में देखा जाएगा।

वहीं, एशिया में अब हालात ओर चिंताजनक होते जा रहे हैं। कड़े प्रतिबंधों के बावजूद भारत में एक दिन में 57 हजार और फिलिपींस में 5 हजार इन्फेक्शन के नए मामले देखे गए हैं। फिलिपींस के 80 मेडिकल असोसिएशन्स ने एक ओपन लेटर में कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ हारी हुई जंग लड़ी जा रही है और एक मजबूत और निर्णायक ऐक्शन प्लान की जरूरत है। दूसरी ओर जापान के ओकिनावा में रेकॉर्ड केस सामने आने के बाद आपातकाल का ऐलान कर दिया गया। इनमें से ज्यादातर वहां अमेरिकी सेना के बेस से थे। हॉन्ग-कॉन्ग में बढ़ते मामलों की वजह से एक अस्थायी अस्पताल खोलना पड़ गया है।

दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस इन्फेक्शन के केस अमेरिका और फिर ब्राजील में हैं। भारत तीसरे नंबर पर है। वहीं सबसे ज्यादा मौतें भी अमेरिका में हुई हैं जिसके बाद ब्राजील है। वहीं, मौत की संख्या के मामले में मेक्सिको ब्रिटेन से आगे निकल गया है। दूसरी ओर, फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल और इटली ने अप्रैल-जून की तिमाही में अपनी अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट देखी जबकि यूरोप के जीडीपी में 12.1 प्रतिशत गिरावट देखी गई। उत्तर ब्रिटेन में शुक्रवार को लाखों घरों पर नए प्रतिबंध लगा दिए गए। नॉर्वे में पिछले दिनों लगातार इन्फेक्शन के मामले बढ़ते जा रहे थे और यहां दो हफ्ते में पहली बार वायरस से पहली मौत भी दर्ज की गई है।

बढ़ते मामलों के बावजूद यूरोप में प्रतिबंधों के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। शनिवार को बर्लिन में 'आजादी का एक दिन' मांगकर प्रदर्शन किए गए। यहां तक कि लोग महामारी को कॉन्सपिरेसी थिअरी बता रहे हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो का कहना है कि लगभग हर किसी को ही कोरोना वायरस इन्फेक्शन होगा। दक्षिण कोरिया में एक नेता को वायरस रोकने के लिए सरकार की कोशिश में रुकावट पैदा करने के लिए गिरफ्तार किया गया।



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