भोपाल कोरोना वायरस के संदिग्ध व्यक्ति को सरकारी क्वॉरंटीन सेंटर पसंद नहीं है तो वह 14 दिन होटल में अपने खर्चे पर क्वॉरंटीन रह सकता है। हालांकि यह नियम शहर के बाहर से आने वाले मरीजों के लिए ही है। दरअसल, कोरेाना के प्रकोप के चलते दूसरे देशों और प्रदेशों के संदिग्ध मरीजों का शहर में आने का सिलसिला जारी है। इन लोगों की स्क्रीनिंग की जाती है। कोरोना संदिग्ध मिलने पर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रहना पड़ता है। कई लोगों ने सरकारी क्वॉरंटीन सेंटर में सुविधाओं की कमी को लेकर शिकायत की थी, इसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया। स्वास्थ्य विभाग ने सभी कलेक्टरों को भेजे आदेश में कहा है कि रेल यात्रा से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग कराकर केवल संदिग्ध मरीजों को 14 दिन के लिए क्वॉरंटीन सेंटर में रखने की व्यवस्था की जाए। यदि कोई यात्री प्रशासन द्वारा निर्धारित क्वारंटाइन सेंटर में नहीं रहना चाहता है तो उसे शासन द्वारा निर्धारित प्राइवेट होटल में खुद के खर्चे पर क्वारंटाइन किया जा सकता है। इसके लिए सरकार ने सभी जिलों को निजी होटलों की सूची भी उपलब्ध कराई है।क्वॉरंटीन पीरियड में होगी कोरोना की जांच स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने कलेक्टर को भेजे आदेश में कहा है कि क्वॉरंटीन सेंटर में रखे गए यात्रियों की 14 दिनों के भीतर सैंपल लेकर उनकी जांच कराई जाए। रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाए। बाकी यात्रियों को होम क्वॉरंटीन की सलाह देकर उनके घरों के लिए रवाना किया जा सकता है