
Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2023: अश्विन माह की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी सोमवार, 2 अक्टूबर 2023 को है. इस दिन कुछ खास उपाय राहु-केतु की पीड़ा से छुटकारा दिला सकते हैं. ऐसे में जहां 30 अक्टूबर 2023 को राहु व केतु दोनों ही अपने भाव में परिवर्तन करने जा रहे हैं, वहीं इससे पहले विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का संयोग बन रहा है। तो चलिए जानते हैं कि राशि केतु की पीड़ा से छुटकारे के लिए इस संकष्टी चतुर्थी के दिन कौन से उपाय अपनाए जाएं...

जानकारों के अनुसार राहु-केतु की अशुभता को दूर करने के लिए शास्त्रों में गणपति जी की पूजा सबसे अचूक मानी गई है। यहा ये भी जान लें कि गणेश जी को चढ़ाई जाने वाली दूर्वा का संबंध राहु से माना जाता है। कहा जाता है कि विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन 21 जोड़े दूर्वा गणेश जी को अर्पित किए जाने से राहु जनित दोष समाप्त हो जाता है, साथ ही दरिद्रता भी दूर हो जाती है।
माना जाता है कि राहु-केतु की कुंडली में अशुभ स्थिति मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, परिवार में कलह को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति गलत राह पर चला जाता है। इस स्थिति से राहत के लिए विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश द्वादश स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। माना जाता है कि इस गणेश द्वादश स्तोत्र से राहु-केतु संतुष्ट होकर परेशान भी नहीं करते हैं।
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इसके अलावा अश्विन माह की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर केतु दोष शांत करने के लिए किसी जरूरतमंद को हरे मूंग का दान करना चाहिए। साथ ही किसी गणेश मंदिर में क्षमता अनुसार वस्तुओं का दान भी करना शुभ रहता है।
यदि आपके कॅरियर में दोनों पाप ग्रह राहु-केतु बाधा डाल रहे हैं तो इससे मुक्ति के लिए संकष्टी चतुर्थी से रोजाना ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जाप प्रारंभ कर देना चाहिए, माना जाता है कि ऐसा करने से बहुत जल्द शुभ परिणाम सामने आते हैं।
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