इंदौर । कांग्रेस में टिकट तय होने से पहले विरोध के स्वर उठने लगे हैं। कल बड़े गांव यानी देपालपुर में स्थानीय उम्मीदवार बनाने का बिगुल बजाया गया। अल्पसंख्यक कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में जहां स्थानीय उम्मीदवार की मांग उठी, वहीं देपालपुर में अपनी पार्टी के विधायक की मुखालफत कांग्रेसियों ने की है।
इंदौर ग्रामीण की विधानसभा देपालपुर में भाजपा ने मनोज पटेल को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है, जिनका विरोध स्थानीय नेता कर रहे हैं। बाहरी के बजाय स्थानीय नेता को प्रत्याशी बनाने की मांग है। इसी तरह कांग्रेस में भी टिकट तय होने से पहले स्थानीय नेता को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की मांग उठाई जा रही है। इस मांग को लेकर देपालपुर के कांग्रेस नेता कल खुलकर सामने आ गए। देपालपुर विधानसभा के बेटमा में हुए कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के कार्यकर्ता सम्मेलन में स्थानीय को टिकट देने का बिगुल इंदौर दुग्ध संघ के अध्यक्ष मोतीसिंह पटेल के नेतृत्व में बजाया गया। अल्पसंख्यक कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेसजन और अल्पसंख्यक वर्ग के हाजियों के रखे गए सम्मान समारोह में उन्होंने देपालपुर में स्थानीय विधायक के मुद्दे को तूल दिया।
इधर, कार्यकर्ता सम्मेलन होने से पहले कांग्रेसी बैंड-बाजे के साथ आंबेडकर चौराहा पहुंचे। यहां पर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में इंदौर जिला कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष सोहराब पटेलए युवा कांग्रेस शहर अध्यक्ष रमीज खान, मजीद खान, हाजी अब्दुल कलाम, हाजी सलाम खान, यूसुफ पटेल, सचिन सोनी, पुरषोत्तम मंत्री, कृपाराम नेताजी, रफीक पठान, गनी सरपंच, रफीक पटेल, नरेंद्र मकवाना, यूसुफ खान, जाहिद मंसूरी, लतीफ सरपंच, सादिक पटेल, जनपद सदस्य मुन्ना जागीरदार, सत्यनारायण जाट, विष्णु मंडलोई, राजेंद्र कोठारी, कल्याण सिंह सरपंच, रामकिशन आदि मौजूद थे।
गुलामी से निकलें बाहर
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के कार्यकर्ता सम्मेलन में मोती पटेल ने कहा कि 70 वर्षों की बाहरी उम्मीदवारों की गुलामी से बाहर निकलने का समय आ गया है। हमें ऐसा विधायक नहीं चाहिए जो हमारे लिए खड़ा नहीं हो सके। अतिवृष्टि के दौरान किसानों की फसलें और मकान नष्ट होने पर उनकी लड़ाई न लडऩे के साथ नगर परिषद, जनपद, जिला पंचायत, पार्षदों के चुनाव में अपने ही प्रत्याशी का समर्थन करने के लिए गांव-गांव विधायक का न जाना, अधिकृत प्रत्याशियों के समर्थन में रैली न करना उनकी नाकामी है। इसके साथ ही मोती पटेल ने अपनी उपलब्धियां भी गिनाईं।
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