<p style="text-align: justify;"><strong>Basmati Rice Minimum Export Price:</strong> दुनिया में चावल और अन्य खाद्य प्रोडक्ट के दाम में इजाफा हुआ है और आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी की आशंका है. सरकार ने 900 डॉलर प्रति टन घटाकर न्यूनतम निर्यात मूल्य को 1,200 डॉलर प्रति टन जारी रखने का फैसला किया है. ऐसे में ग्लोबल स्तर पर बासमती चावल की कीमतों में बढ़ोतरी से राहत मिलेगी. </p> <p style="text-align: justify;">पिछले दिनों पाकिस्तान ने बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटाकर 1,050 डॉलर प्रति टन कर दिया था. ऐसे में निर्यातकों ने कहा कि पाकिस्तान ग्लोबल मार्केट में भारत की हिस्सेदारी में सेंध लगा सकता है. इस बीच, सरकार ने मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस को कम किया है. </p> <p style="text-align: justify;">ईटी के मुताबिक, आल इंडिया राइस एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन (AIREA) राइस ने अपने सदस्यों को बासमती धान की खरीद और इन्वेंट्री होल्डिंग में अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है, जिसमें कहा गया है कि अगले आदेश तक एमईपी 1,200 डॉलर प्रति टन बनाए रखने का सरकार का फैसला है. कहा कि बासमती निर्यात की क्षमता पर खास प्रभाव पड़ेगा. </p> <p style="text-align: justify;">गौरतलब है कि 25 अगस्त को सरकार ने उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल के रूप में नियमित सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध शिपमेंट के संभावित मामलों को रोकने के लिए 1,200 डॉलर प्रति टन की कीमत से नीचे बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा, 1,200 डॉलर प्रति टन से कम के चावल अनुबंध को भी स्थगित रखा था. </p> <p style="text-align: justify;">25 सितंबर को निर्यातकों के साथ समिति की बैठक हुई थी जिसमें केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे. ऐसे में एआईआरईए के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया के अनुसार, निर्यातकों को यह उम्मीद था कि बासमती के लिए एमईपी घटाकर 850-900 डॉलर प्रति टन कर दिया जाएगा. हालांकि सरकार ने ऐसा नहीं किया है. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ये भी पढ़ें </strong></p> <p style="text-align: justify;"><strong><a href="https://ift.tt/ejgUSL5 Hallmarking: पुराने ज्वैलरी पर कराने जा रहे हॉलमार्किंग तो जान लें कितना लगेगा चार्ज? इतने पैसे होंगे खर्च</a></strong></p>
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