सतर्क हो गए भ्रष्ट कर्मचारी, नहीं आ रहे रिश्वत के रुपए लेने

मनीष यादव@ इंदौर।

रिश्वत मांगने वाले भी सतर्क हो गए हैं। वह रिश्वत के लिए लोकायुक्त पुलिस की बिछाए जाल में नहीं फंस रहे हैं। आरोपी रिश्वत के रुपए लेने के लिए नहीं आ रहे हैं। अब लोकायुक्त की टीम ने भी अपनी रणनीति बदल ली है। अब धारा 7 का इस्तेमाल कर रिश्वत मांगने पर ही कार्रवाई कर रही है फिर भले ही वह रुपए लेते रंगेहाथों पकड़ा भी नहीं जाए। भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों पर लोकायक्त पुलिस करवाई करती हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापामार कर सर्च करती है। वहीं रिश्वत मांगने वालों को ट्रैप करती हैं। अब रिश्वत मांगने वाले भी सतर्क हो गए हैं। वह रिश्वत तो मांग रहे हैं, लेकिन उसे लेने के लिए नहीं आ रहे। हाल ही में ऐसे ही कुछ मामले सामने आए हैं। उसके चलते अब लोकायुक्त की टीम धारा 7 का इस्तेमाल कर कार्रवाई कर रही है। आरोपी को पकडऩे से पहले टीम उसके खिलाफ सबूत इक_ा कर लेती है। एसपी सव्य सांची सराफ ने बताया कि धार 7 के तहत रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना ही जरूरी नहीं। रिश्वत मांगने पर ही आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जा सकती है।
2017 से पहले मुश्किल था
2017 से पहले आरोपी को।मिलान के लिए अपना वॉइस सैंपल देने की बाध्यता नहीं थी। एसपी सराफ ने बताया कि इस वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्णय दिया। इसके तहत आरोपी अगर अपनी आवाज का सैंपल नहीं देता हो उसके खिलाफ कोर्ट में अपील कर सकते हैं। इस पर कोर्ट आदेश देगा और आरोपी को खुद फॉरेसिंक लैब भोपाल में जाकर अपनी आवाज का सैम्पल देना होगा। इस टेस्ट यह तय हो जाएगा कि रिश्वत मांगने वाला आरोपी वही है।

केस1
खजराना थाने के एसआइ सुनील ने लड़की के मामले में आरोपी के पिता से 20 हजार रुपए मांगे। लोकायक्त पुलिस को शिकायत की गई। आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए टीम ने जाल बिछाया, लेकिन आरोपी रुपए लेने नहीं आया। बाद में धारा 7 में केस दर्ज करना पड़ा।
केस 2
नगर निगम के दरोगा ने संबल योजना के तहत रिश्वत मांगी। इस पर टीम ने ट्रैप प्लान किया। फरियादी को रुपए लेकर भेज दिया गया, लेकिन आरोपी पकड़ा नहीं जा सका। दो दिन तक टीम उसका इंतजार करती रही, लेकिन वह नहीं आया। इस पर भी केस दर्ज कर कर कार्रवाई की गई।
केस 3
बड़वानी जिले के बीडीओ से जीपीएफ की रकम निकालने के लिए सीईओ ने रिश्वत मांगी। आरोपी रवि ने रुपए लेने के लिए खुद न आते हुए बाबू को भेजा। बाबू को पुलिस ने पकड़ा तो आरोपी ने बताया कि उसे तो सीईओ ने भेजा है। टीम ने रुपए लेकर उसे अफसर के पास भेजा। बाबू के रुपए देते ही पकड़ लिया।



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