साल 2023 में बारिश ने काफी अजब स्थिति का निर्माण किया है, जुलाई के बाद अगस्त में चंद दिनों हुई बारिश के बाद कई जगहों पर बादल तो आसमान में रहे, लेकिन बारिश तो मानो गायब सी ही हो गई। ऐसे में बारिश को लेकर विभिन्न ज्योतिष के जानकारों से इस साल बारिश को लेकर बड़ी भविष्यवाणी करते हुए कहा है कि जल्द ही बारिश के चलते देश में विभिन्न जगह बड़ी मुसिबत आने वाली है, ऐसे में इसे लेकर अभी से ही सतर्क हो जाना आवश्यक है।
ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि ज्योतिष शास्त्र भी गणना के माध्यम से ये बताता है कि कब बारिश होगी और कैसा रहेगा मानसून का हाल? ऐसे में इस साल की स्थिति के संबंध में ज्योतिष विज्ञान भी गणना के आधार पर कई तरह के सवालों के जवाब दिए जा सकते हैं। जैसे कब कब अत्यधिक बारिश होने वाली है या कहां कम बारिश की स्थिति बनेगी या बारिश के चलते आने वाली बाढ़ से जानमाल का नुकसान तो नहीं होगा, आदि।
बारिश व मानसून को लेकर गणना करने के पश्चात ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला का कहना है कि इस साल यानि 2023 में सूर्य ने 22 जून को आद्र्रा नक्षत्र में प्रवेश किया, जिसके बाद बारिश शुरु हुई, लेकिन बारिश की शुरुआत 26 जून से हुई। पं. शुक्ला के अनुसार इस वर्ष रोहिणी वास तट पर होने सहित मेघेश गुरु होने से आद्र्रा प्रवेश के समय गुरु लग्न में औरं वर्षा प्रवेश के समय वृषभ लग्न में बुध के होने सहित इस दौरान बनी विभिन्न ज्योतिषी स्थितियों के चलते सर्वत्र अच्छी वर्षा होने के संकेत रहे।
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सितंबर - अक्टूबर में रहना होगा विशेष सतर्क
ज्योतिष के जानकार पंडित एके शुक्ला के अनुसार इस साल 26 सितंबर 2023 से 5 अक्टूबर 2023 तक घनघोर बारिश की संभावना है। जिसके चलते मप्र में इस दौरान गंभीर, क्षिप्रा, काली सिन्ध, चंबल में बाढ़ की स्थिति बनती दिख रही है।
इन दिनों का विशेष ध्यान रखें-
सितंबर 2023 की 1, 3, 7 के अलावा 10 से 14 सितंबर और 18, 21, 22, 24, 25, 28, 29 को बारिश होने की संभावना है।
अक्टूबर 2023 के दौरान 1,4,7,10 से 14 अक्टूबर 2023 को अतिवृष्टि के योग बन रहे हैं।
जबकि अक्टूबर 2023 में ही 15, 21, 25, 26, 27 अक्टूबर को सामान्य वर्षा के योग हैं।
मानसून की विदाई
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार मानसून इस बार अनौपचारिक रूप से अक्टूबर तक रहेगा। वहीं मानसून की औपचारिक विदाई सितंबर अंत तक होगी, लेकिन इसके बाद एक बार फिर सितंबर 2023 के अंत से अक्टूबर 2023 के मध्य तक वेस्टर्न डिस्र्बेंस के कारण बारिश होती दिख रही है, जिसके कारण अक्टूबर 2023 तक मानसून की विदाई हो पाएगी।
जानकारों के अनुसार ज्योतिष में बारिश यानि मानसून की भविष्यवाणी के लिए ज्योतिष ग्रहों व नक्षत्रों की गणना की अति आवश्यक होती है। जिसमें मुख्य रूप से ग्रहों के योग, दृष्टि आदि पर ध्यान केंद्रीत किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि शुक्र और बुध दोनों ग्रह यदि एक राशि में स्थित हों और गुरु ग्रह की उनपर दृष्टि हो तो अच्छी बारिश की संभावना रहती है। वहीं इसके साथ ही यदि मंगल और शनि जैसे ग्रहों की दृष्टि अगर पड़ती है तो अति वृष्टि का योग निर्मित होता है।
यहां ये भी जान लें कि ज्योतिष शास्त्र में गणना के लिए कुल 27 नक्षत्र हैं, जिसमें से वर्षा के 8 नक्षत्र माने जाते हैं। ऐसे में इन ग्रहों की स्थिति ही समस्त गणना के काम में ली जाती है। बारिश के लिए आद्रा नक्षत्र, भद्रा नश्रत्र, हथिया नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र के अलावा अश्लेषा, उत्तरा, भाद्रपद, पुष्य शतभिषा, पूर्वाषाणा और मूल नक्षत्र को उत्तरदायी माना गया है।
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