कटे बाल आपके लिए बेकार हैं, इनके लिए रोजी-रोटी, धंधा अरबों का... भारत के 'ब्लैक गोल्ड' की कहानी

दुनिया के बाजार में भारतीयों के बाल 'काला सोना' बताकर बेचे जाते हैं। इसकी वजह है। मार्केट में सबसे ज्यादा पूछ है 'वर्जिन हेयर' और 'रेमी हेयर' की। आप पूछेंगे ये क्‍या हैं! लंबे और केमिकल से दूर रहे बालों को 'वर्जिन हेयर' कहा जाता है। जिन बालों का टॉप से लेकर बॉटम तक, नैचरल डायरेक्‍शन मेंटेन रहता है, वे 'रेमी हेयर' कहलाते हैं। भारत के मंदिरों और हमारे-आपके घरों की कंघियों से निकलने वाले बाल इन दोनों पैमानों पर खरे उतरते हैं। भारतीय बालों का टेक्‍सचर काफी फाइन होता है, उनमें हल्‍की लहरें होती हैं और यूरोपियन लोगों के बालों से मेल खा जाते हैं। भारतीय बालों पर ब्रिटिश एंथ्रोपॉलजिस्ट एम्मा टारलो ने अपनी किताब ‘Entanglement: The Secret Lives of Hair’ में विस्तार से लिखा है। बिलियन डॉलर से ज्यादा की बालों की ग्लोबल इंडस्ट्री में भारत का अहम योगदान है। 2023 में भारत से 682 मिलियन डॉलर मूल्य के बाल निर्यात हुए। हैरान करने वाले यह आंकड़े तब बेमायने लगते हैं जब आप बाल बीनने वालों की जिंदगी में झांकते हैं।

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