Lunar Eclipse 2023: इन संयोगों के कारण खास हो चला है आज का चंद्र ग्रहण, 7 प्वॉइंट्स में जानें क्यों माना जा रहा महत्वपूर्ण

Lunar Eclipse 2023: Know the important points of this Lunar Eclipse: आज 5 मई शुक्रवार को साल का पहला चंद्रग्रहण देखा जाएगा। माना जा रहा है कि इस बार का चंद्र ग्रहण कुछ अलग होगा। यह चंद्र ग्रहण होकर भी चंद्र ग्रहण की तरह नहीं दिखेगा। इस चंद्र ग्रहण पर देश के मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे। दरअसल ऐसे कई संयोग बन रहे हैं, जो इस बार लगने वाले चंद्र ग्रहण को खास बना रहे हैं। इस लेख में 7 प्वॉइंट में ज्योतिष के अनुसार जानें आखिर क्या है आज लगने वाले चंद्र ग्रहण की खासियत, क्यों हो चला है महत्वपूर्ण...

1. चंद्रग्रहण कई प्रकार के होते हैं, पूर्ण चंद्रग्रहण, अर्धचंद्रग्रहण और आशिक चंद्रग्रहण इन तीनों ही प्रकार के चंद्रग्रहण में चंद्रमा का कुछ भाग या पूरा भाग अंधकार में दिखता है। लेकिन आज 5 मई के चंद्रग्रहण में ऐसा नहीं होगा। चंद्रमा का कोई भी भाग कटा हुआ और अंधकार में नहीं दिखेगा। क्योंकि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा। जिससे केवल चंद्रमा की रोशनी हल्की सी प्रभावित होगी, लेकिन इसे आसानी से समझा नहीं जा सकेगा।

2. आज चंद्रग्रहण की खास बात यह भी है कि यह पिछले दो साल की तरह इस बार भी वैशाख पूर्णिमा पर ही लगने जा रहा है।

3. चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा शुक्र की राशि तुला में ही रहेंगे। वहीं शुक्र बुध की राशि मिथुन में मंगल के साथ होंगे। यहां मंगल और शुक्र की युति पर मेष राशि से 4 ग्रहों की दृष्टि पड़ रही है और बुध मंगल का राशि परिवर्तन योग बनेगा। साथ ही चंद्रग्रहण के बाद मंगल जल तत्व की राशि कर्क में चले जाएंगे, इससे देश के कई भागों में बरसात के कारण मई में भी लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। हालांकि इसका अशुभ असर देश के उत्तरी इलाकों में दिखाई दे सकता है यहां भूकंप की स्थिति बन सकती है।

4. आज लगने वाले चंद्रग्रहण की खास बात यह भी है कि यह चंद्रग्रहण दो नक्षत्रों में पूरा होगा। चंद्रग्रहण का आरंभ स्वाति नक्षत्र में होगा, जबकि ग्रहण का समापन विशाख नक्षत्र में होगा। ऐसे में चंद्र ग्रहण लगाने वाले राहु के दुष्प्रभाव मेष राशि में विराजे देव गुरु बृहस्पति दूर करेंगे। इसीलिए माना जा रहा है कि इस बार चंद्र ग्रहण के बाद भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष फल मिलेगा।

5. चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवतियों के लिए सूतक संबंधी कोई भी नियम लागू नहीं होगा। सामान्य दिनों की तरह ही वे रह सकती हैं, वे चाहें तो उपच्छाया चंद्रग्रहण के दर्शन भी कर सकती हैं।

6. चंद्रग्रहण के दौरान आप पूजा पाठ, सभी धार्मिक कार्य कर सकते हैं। चंद्र ग्रहण के बाद दान पुण्य करने का विधान है। लेकिन आज लगने वाले चंद्रग्रहण के बाद इन नियमों का पालन करना भी जरूरी नहीं है। लेकिन आप अपनी श्रद्धा से कुछ दान करना चाहते हैं, तो अपनी राशि के अनुसार दान करें। क्योंकि पूर्णिमा तिथि में किए दान का पुण्य मिलेगा।

7. रात 10 बजकर 53 मिनट पर चंद्रमा सबसे ज्यादा धुंधला और फीका नजर आएगा। क्योंकि इस समय ग्रहण का मध्यकाल होगा। आज लगने वाले चंद्र ग्रहण की अवधि कुल 4 घंटे 18 मिनट होगी। चंद्रग्रहण रात 8 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो जाएगा और देर रात 1 बजकर 1 मिनट पर खत्म हो जाएगा। यह उपच्छाया चंद्रग्रहण भारत के अलावा, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर दक्षिणी ध्रुव, दक्षिण पूर्वी यूरोप में देखा जा सकेगा।

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