Indore News : कागजों में चल रहीं इलेक्ट्रिक बसें

इंदौर. शहर को स्मार्ट सिटी और क्लीन सिटी का दर्जा मिलने के बाद नगर निगम ने पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए गो ग्रीन अभियान शुरू किया। अभियान की अब हवा निकलने लगी है, क्योंकि पर्यावरण सुधार की दृष्टि से शहर की सडक़ों पर दौडऩे वाली नई 80 इलेक्ट्रिक बसें कछुआ चाल से आ रही हैं। यह बसें पिछले डेढ़ वर्ष से कागजों में से निकलकर रोड पर नहीं आ पा रही हैं। ऐसे में बसों को चलाने के लिए एआइसीटीएसएल के किए गए सारे दावे फेल हो गए। नई इलेक्ट्रिक बसें कब आएंगी किसी को ठीक-ठीक पता नहीं है।

निगम शहर की वायु गुणवत्ता सुधार पर जोर दे रहा है। इसके लिए शहर के चौराहे-चौराहे सिग्नल पर रेड लाइट होने पर वाहन बंद कराने का अभियान चलाया गया, जो कि अभी बंद पड़ा है। इसके अलावा निगम ने धुआं उड़ाने वाले लोडिंग और सवारी रिक्शा को ई-रिक्शा के मोड पर ले जाने को लेकर प्लानिंग की थी, किंतु काम ज्यादा नहीं हुआ। पर्यावरण की दृष्टि और लोक परिवहन की सुविधा को बढ़ाने की दिशा में अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (एआइसीटीएसएल) ने शहर में 40 इलेक्ट्रिक बस चलाना शुरू किया। अलग-अलग तय रूट पर यह बसें चल रही हैं। इन इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाने की प्लानिंग की गई और 80 नई बसें चलाने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही टेंडर जारी किए गए। लंबे समय तक मामला टेंडर में उलझा पड़ा रहा। टेंडर आने के साथ मंजूर हो गए, लेकिन केंद्र सरकार की फेम 2 योजना के तहत पैसा न मिलने के कारण बसें कागजों में से निकलकर रोड पर नहीं चल पाईं।

पिछले डेढ़ वर्ष से कछुआ चाल से ही आ रही हैं

दरअसल, नई 80 इलेक्ट्रिक बसों को पिछले वर्ष जुलाई में हुए नगरीय निकाय चुनाव होने के बाद चलाने के दावे एआइसीटीएसएल के अफसरों ने किए थे। इसके बाद बसों को नए साल यानी जनवरी वर्ष 2023 में चलाने की बात कही गई, किंतु चार महीने गुजरने के बावजूद इनके कोई अते-पते नहीं हैं। बसें कब तक आएंगी और कब शहर में चलेंगी, इस सवाल का जवाब एआइसीटीएसएल के अफसरों के पास नहीं हैं। गौरतलब है कि एआइसीटीएसएल ने शहर में 120 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चलाने की प्लानिंग की थी। इसके तहत विभिन्न रूटों पर 40 बसें संचालित हो रही हैं। बची 80 इलेक्ट्रिक बसों का शहर की सडक़ों पर दौडऩे का इंतजार है।

Indore News : कागजों में चल रहीं इलेक्ट्रिक बसें

ऐसे चलना है इलेक्ट्रिक बसें

80 बसों में से 30 को बीआरटीएस पर और बाकी 50 को शहर में चलाने की प्लानिंग हैं। इन बसों का रूट भी तैयार हो गया। बस इंतजार बसों के आने का है।

इस कारण अटकी हैं बसें

एआइसीटीएसएल के जिम्मेदार अफसरों का कहना है कि 80 इलेक्ट्रिक बसों के न आने का कारण पैसा नहीं मिलना है। बस खरीदने के लिए फेम 2 के तहत और राज्य शासन से पैसा कब मिलेगा पता नहीं। मामला बैंक ग्यारंटी में उलझा पड़ा हैं। जैसे ही पैसा मिलेगा वैसे ही बसें मंगवाकर शहर में चलवाई जाएंगी।

बस चलाने के जारी है प्रयास

शासन स्तर पर पैसा न मिलने और बैंक गारंटी में मामला अटकने से देरी हो रही है। बसों को जल्द से जल्द चलाने के प्रयास जारी हैं।

- मनोज पाठक, सीईओ, एआइसीटीएसएल



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