इंदौर. शहर में कल एक और हादसा हो गया। सिंधी कॉलोनी में एक खतरनाक दुकान का छज्जा गिरने से बुजुर्ग की मौत हो गई, किंतु नगर निगम ने अभी तक शहर के खतरनाक मकानों को चिन्हित नहीं किया है। इस काम की जिम्मेदारी निगमायुक्त ने बिल्डिंग अफसर (बीओ) और इंस्पेक्टर (बीआइ) को दी थी। साथ ही 7 दिन में खतरनाक मकानों की रिपोर्ट मांगी गई थी, मगर आज तक खतरनाक मकानों की सूची नहीं बनी और न ही कोई कार्रवाई हो रही है। ऐसे में बेमौसम हो रही बारिश की वजह से हादसे बढ़ते जा रहे हैं।
पिछले महीने 23 अप्रैल को यशवंत प्लाजा के पास विश्रांति गृह होटल के नीचे बनी एक दुकान का छज्जा गिर गया था। मलबे की चपेट में आने से तीन लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद निगम रिमूवल अमले ने जेसीबी चलाकर तकरीबन 8 दुकानों के छज्जे तोड़ दिए थे। इधर, होटल का छज्जा गिरने के बाद निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने निगम के 19 जोन पर तैनात बीओ-बीआइ को 24 अप्रैल को तलब कर लिया था। इस दौरान उन्होंने बिल्डिंग परमिशन शाखा के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन और अधीक्षण यंत्री अनूप गोयल को निर्देशित किया था कि अपनी मॉनिटरिंग में शहर के समस्त खतरनाक मकानों का आगामी 7 दिन में सर्वे कर पूरी रिपोर्ट बनाकर दें।
निगमायुक्त सिंह के आदेश को इन जिम्मेदार अफसरों के साथ बीओ-बीआइ ने हवा कर दिया, क्योंकि आज 11 दिन गुजरने के बावजूद शहर के खतरनाक मकानों की सूची नहीं बनी है।अभी तक मकानों की जानकारी ही एकत्रित करने में बीओ-बीआइ लगे हैं, जबकि उनके पास पहले से सूची है और अभी सिर्फ मौके पर पहुंचकर वेरिफाई ही करना था कि कौन सा मकान कितना खतरनाक है। अगर बीओ-बीआइ तय समय में खतरनाक मकानों की सूची बनाकर भवन के खतरनाक हिस्से को हटाने के लिए मालिक को नोटिस जारी करने के साथ कार्रवाई शुरू कर देते तो कल सिंधी कॉलोनी में खतरनाक दुकान पर खरीदी करने आए बुजुर्ग किशनलाल रुघवानी पर छज्जा गिरने से उनकी मौत नहीं होती।
पिछले वर्ष 127 में से तोड़े थे सिर्फ 15
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बरसात से पहले निगम बिल्डिंग परमिशन शाखा ने शहर में 127 अति खतरनाक और खतरनाक मकान चिन्हित किए थे। इसके बाद तोडऩे की कार्रवाई सिर्फ 15 पर ही हुई थी। बाकी मकानों पर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। कारण किराएदारी और मलिकाना हक को लेकर झगड़ा और प्रकरण कोर्ट में होना बताया गया था। अभी भी शहर में 100 से ज्यादा खतरनाक मकान हैं।
एक-दो दिन में सूची हो जाएगी फाइनल
शहर में खतरनाक मकानों को चिन्हित कर सूची लगभग तैयार हो गई है। एक-दो दिन में यह फाइनल हो जाएगी। इसके बाद निगमायुक्त के निर्देश पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
- अनूप गोयल, बीओ, बिल्डिंग परमिशन शाखा मुख्यालय
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