<p>प्रधानमंत्री जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan YOjana) की शुरुआत बड़े-बड़े दावों के साथ की गई थी. इसे मोदी सरकार की पहली बड़ी योजना भी कह सकते हैं, जिसका उद्देश्य देश की उस आबादी तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाना था, जो इससे वंचित थे. हालांकि अब एक आरटीआई में जन धन योजना की जमीनी हकीकत का पता चला है.</p> <p>आरटीआई में मिली जानकारी</p> <p>सूचना का अधिकार के तहत सरकार से जन धन योजना के खाताधारकों को दिए जाने वाले बीमा (PMJDY Insurance) से जुड़ा सवाल किया गया था. द हिंदू की एक खबर के अनुसार, आरटीआई एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौर के सवालों के जवाब में सरकार ने बताया कि पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के तहत बीमा को लेकर मिले दावों में से लगभग आधे को ही सुलटाया जा सका.</p> <p>पिछले दो सालों का हिसाब</p> <p>सरकार के द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत बीमा के 647 दावे आए. इनमें से सिर्फ 329 दावों को ही सुलटाया जा सका. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 341 दावे किए गए. इनमें से 182 का सेटलमेंट हुआ, जबकि 48 दावे रिजेक्ट कर दिए गए. वहीं 111 दावों का स्टेटस सरकार को भी नहीं पता है. इस दौरान दावों के एवज में 2.27 करोड़ रुपये भुगतान किए गए.</p> <p>इसी तरह वित्त वर्ष 2022-23 में 306 दावों में से 147 को सेटल किया गया. 10 दावे रिजेक्ट किए गए, जबकि 149 का स्टेटस नमालूम है. पिछले वित्त वर्ष के दौरान जो मामले सेटल किए गए, उनके लिए 1.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.</p> <p>इतना मिलता है इंश्योरेंस क्लेम</p> <p>प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://ift.tt/HW2dcnE" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> ने अगस्त 2014 में स्वतंत्रता दिवस के पहले संबोधन में जन-धन योजना का संकेत दिया था. उसके बाद 28 अगस्त 2014 को यह स्कीम लॉन्च कर दी गई थी. योजना के तहत खाताधारकों को एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवर भी मिलता है. पहले यह कवर 1 लाख रुपये था, जिसे अब बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है.</p> <p>भारी पड़ रही ये एक शर्त</p> <p>प्रधानमंत्री जन धन योजना के खाताधारकों को बैंक खाते के साथ-साथ रूपे डेबिट कार्ड भी मिलता है, जो इंश्योरेंस के लिहाज से काफी अहम होता है. ऐसी एक शर्त है कि अगर खाताधारक ने दुर्घटना वाले दिन से पहले के 90 दिनों के भीतर अपने रूपे कार्ड का इस्तेमाल कर कोई ट्रांजेक्शन किया होगा, तभी उसका क्लेम मान्य होगा. यही शर्त ज्यादातर मामलों में क्लेम के रिजेक्ट होने का कारण है.</p> <p>इतने करोड़ खातों में पैसे नहीं</p> <p>मार्च 2023 तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में प्रधानमंत्री जन धन योजना वाले बैंक खातों की संख्या 48.65 करोड़ है. इन बैंक खातों में अभी कुल 1,98,844.34 करोड़ रुपये जमा हैं. वहीं करीब 4.03 करोड़ प्रधानमंत्री जन धन योजना बैंक खातों में कोई बैलेंस नहीं है.</p> <p><strong>ये भी पढ़ें: <a title="बिक रही है कर्ज में फंसी ये टेक्सटाइल कंपनी, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी लगाई बोली" href="https://ift.tt/VAs8IHm" target="_blank" rel="noopener">बिक रही है कर्ज में फंसी ये टेक्सटाइल कंपनी, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी लगाई बोली</a></strong></p>
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