Navsamvatsar 2080: New year will start in very auspicious coincidences: सिर्फ एक दिन और फिर शुरू जाएगा नव संवत्सर 2080 या हिन्दु नव वर्ष विक्रम संवत। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नव वर्ष विक्रम संवत का स्वागत किया जाता है। माना जाता है कि यही वह दिन है जब ब्रह्मा जी ने सम्पूर्ण सृष्टि की रचना की थी। यही कारण है कि नव संवत्सर का शुभारंभ भी इसी तिथि से माना जाता है। इस साल हिंदू नव वर्ष / नव संवत्सर 2080' की शुरुआत अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 22 मार्च से हो रही है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में भोपाल के ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा बता रहे हैं इस बार नव संवत्सर बड़े ही शुभ संयोगों में मनाया जाएगा। वहीं इस बार ग्रहों की चाल के कारण इस साल को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा के मुताबिक विक्रम संवत 2080 'पिंगल' नाम से जाना जाएगा। इस नववर्ष के राजा बुध होंगे और शुक्र इस साल मंत्री की भूमिका में रहेंगे। इस वर्ष राजा और मंत्री दोनों मिलकर हिंदू नववर्ष को अति उत्तम और मंगलकारी बनाने वाले हैं। हालांकि कुछ मामले ऐसे होंगे जिनसे लोगों को परेशानियों का सामना भी करना होगा।
नव संवत्सर के राजा बुध
इस बआर नव संवत्सर के राजा ग्रहों के राजकुमार बुध होंगे। ऐसे में बिजनेस करने वालों को बिजनेस में उन्नति मिलेगी। इनकी आय में वृद्धि के योग बनेंगे। नए व्यापार फलेंगे-फूलेंगे। शिल्पकार, लेखक और चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों को इस नव संवत्सर में लाभ होगा। इस नव वर्ष में बुध के प्रभाव से लोगों में उत्साह तो रहेगा ही लेकिन क्रोध भी देखने का मिलेगा। जन मानस के साथ प्रकृति भी प्रभावित हो सकती है। इस दौरान तेज वर्षा और चक्रवात जैसी स्थितियां बनेंगी। पशुओं को नुकसान भी हो सकता है।
नव संवत्सर के मंत्री हैं शुक्र
इस साल नव संवत्सर का मंत्री शुक्र ग्रह रहेंगे। शुक्र के प्रभाव से इस साल में महिलाओं का प्रभाव बढ़ेगा। फैशन, फिल्मी उद्योग, मनोरंजन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए अधिक लाभ के योग बनेंगे। इनकी कार्यशैली में निखार आएगा। रुके हुए काम तेजी से पूरे होंगे। इन्हें निश्चित तौर पर भाग्य का साथ मिलेगा। हालांकि यह साल भौतिक सुख-सुविधाओं को लेकर खींचतान भरा हो सकता है। जन-धन की हानि के योग बनेंगे। रोग-बीमारियों के चलते लोगों में भय की स्थिति बनेगी।
बेहद शुभ संयोगों के बीच होगी नववर्ष की शुरुआत
हिंदु नववर्ष की शुरुआत दो बेहद शुभ योगों के साथ होने जा रही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी 22 मार्च 2023 को शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहे हैं। शुक्ल योग 21 मार्च को देर रात 12 बजकर 42 मिनट से 22 मार्च को सुबह 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। इस योग में किए गए कार्यों में लोगों कों निश्चित रूप से सफलता मिलती है। वहीं ब्रह्म योग सुबह 9 बजकर 18 मिनट से लकर शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। ज्योतिषियों की मानें तो इस योग में विवाद, झगड़ा सुलझाना उत्तम फलदायी रहता है।
ऐसी रहेगी ग्रहों की चाल
हिंदु नव वर्ष विक्रम संवत 2080 में ग्रहों की चाल की बात करें, तो इस वर्ष यह बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस वर्ष की शुरुआत में मीन राशि में ग्रहों के राजा सूर्य, ग्रहों के राजकुमार बुध, गुरु देव बृहस्पतिरहेंगे। कुंभ राशि में शनि और मिथुन राशि में मंगल विराजे रहेंगे। जबकि मेष राशि में शुक्र और राहु और तुला राशि में केतु विराजे रहेंगे।
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