सांसद के पिटारे से बाहर आए प्रतिनिधि

इंदौर। ग्रामीण क्षेत्र में थोकबंद प्रतिनिधियों की नियुक्ति करने के बाद सांसद शंकर लालवानी के जादुई पिटारे से शहरी प्रतिनिधि भी बाहर आना शुरू हो गए हैं। हर विधानसभा में नगर निगम और आइडीए को लेकर नियुक्ति की जा रही है। ऐसे कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है, जो जनता के काम के लिए पूरा समय दें। शुरुआत चार नंबर विधानसभा से की गई।

सांसद शंकर लालवानी से जुड़े हुए कार्यकर्ता खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। नगर निगम चुनाव के दौरान मुद्रा शास्त्री, संध्या यादव और कंचन गिदवानी को ही पार्षद का टिकट मिल पाया, जबकि वर्षों से जुड़े कई समर्थक हाथ पर हाथ रख बैठे रह गए। निगम में चोट खाने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि इंदौर विकास प्राधिकरण में कुछ भला हो जाएगा, लेकिन वहां भी अब सपने दम तोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।

सरकार ने गोलू शुक्ला को उपाध्यक्ष बनाकर इतिश्री कर ली। अब साफ नजर आ रहा है कि पार्टी संचालक मंडल बनाने के मूड में नहीं है। ऐसे में लालवानी समर्थकों की नाराजगी बढ़ रही थी तो दूसरा पहलू ये भी था कि उनके पास आने वाले जनता के कामों को निपटाने के लिए भी मजबूत हैंड की जरूरत थी। इसके चलते उन्होंने अब प्रतिनिधियों की नियुक्तियां करने की रणनीति बनाई है। ग्रामीण क्षेत्र में तो पहले ही घोषणाएं हो चुकी हैं, लेकिन शहरी क्षेत्र में नियुक्तियां नहीं की गईं थीं।

कुछ माह पहले सीटू छाबड़ा को प्रतिनिधि बनाया था। उसके अलावा विशाल गिदवानी जिला प्रशासन तो बंटी गोयल को अन्य जगह की जिम्मेदारी सौंप रखी थी। अब नगर निगम और आइडीए के कामों को लेकर विधानसभावार प्रतिनिधि बनाए जा रहे हैं। चार नंबर विधानसभा से उसकी शुरुआत की गई, जिसमें संकल्प वर्मा को आइडीए तो कपिल जैन को नगर निगम का प्रतिनिधि बनाया गया।

समर्थकों की सताने लगी चिंता
गौरतलब है कि लालवानी के पलासिया स्थित बंगले पर नियमित अलग-अलग विधानसभाओं से जनता पहुंचती है। मौके पर फोन या उनकी शिकायत पर पत्र तो लिख दिया जाता है, लेकिन उनके काम पर फॉलोअप करने के लिए प्रतिनिधि नहीं रहते, इसलिए ये नियुक्तियां की जा रही हैं। उनकी अनुपस्थिति में भी प्रतिनिधि जनता के काम पर फोकस कर सकें और समस्या को लेकर अधिकारियों से संपर्क कर कार्रवाई करा सकें। इस बहाने से दुखी समर्थकों को भी जोड़कर रखा जा सकता है।

जनता को सुविधा
नगर निगम और आइडीए सहित अन्य विभागों के कामों को लेकर जनता आती है। उनकी ङ्क्षचता करने के लिए कार्यकर्ताओं को प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया जा रहा है।
-शंकर लालवानी, सांसद



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