शराब कारोबारियों की कलाकारी... कम कीमत पर लेना चाहते हैं ठेका

इंदौर। वित्त वर्ष खत्म होने की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, लेकिन इंदौर में 70.5 प्रतिशत शराब दुकानों का रिन्यू हुआ है। बचे ठेकों की की नीलामी रखी गई थी, लेकिन एक भी ने रुचि नहीं दिखाई। चूंकि ठेके महंगे हैं जिसके चलते अधिकांश ठेकेदार चाहते हैं कि नीलामी की कीमत से 20 से 25 प्रतिशत तक दुकानें कम मिले जिसके लिए वे इंतजार करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की नई आबकारी नीति ने पहले तो शराब ठेकेदारों के होश उड़ा दिए थे, क्योंकि बिना अहातों के ठेका चलाना आसान नहीं है। इसके बावजूद अफसरों ने समझा-बुझाकर ठेकेदारों को मना लिया जिसके चलते इंदौर में 70.5 प्रतिशत ठेकों का रिन्यूवल हो गया है। 10 प्रतिशत अधिक कीमत चुकाकर ठेकेदार दुकान चलाने के लिए तैयार हो गए हैं। बची हुई 29.5 फीसदी दुकानों को लेकर अब विभाग के पसीने छूट रहे हैं, चूंकि अधिकांश ग्रुप महंगी दुकानों के हैं।
इसको लेकर सरकार ने 14 से 18 मार्च तक नीलामी रखी थी, लेकिन किसी भी ठेकेदार ने रुचि नहीं दिखाई। 18 ग्रुप में से एक भी ग्रुप नहीं गया जिसको देखते हुए विभाग सकते में है, क्योंकि पिछले साल नीलामी में चार-पांच ग्रुप कम कीमत लगाकर चले गए थे। इस बार एक ने भी कीमत नहीं लगाई। बताया जा रहा है कि सरकार एक बार फिर सोमवार को रणनीति तय करके नीलामी की लाइन खोलेगी जिसके लिए लगातार प्रयास किया जाएगा।

25 प्रतिशत तक चाहिए कम
गौरतलब है कि पिछले साल सरकार की पॉलिसी का कुछ ठेकेदारों ने जमकर फायदा उठाया था। पहले और दूसरे चरण में कई दुकानें नहीं गई थीं। उसके चलते शराब कारोबारियों ने 15 से 25 प्रतिशत तक कम कीमत लगाई थी। उसमें भी सरकार को ठेका देना पड़ गया। मजेदार बात ये है कि ये ठेके बड़े हैं जिसके चलते छोटे ठेकेदार हाथ भी नहीं डालते हैं। उसका बड़े ठेकेदार पूरा-पूरा फायदा उठाते हैं।
सबसे कम कीमत पर पिछले साल राजबाड़ा ग्रुप का ठेका गया था जिसमें तीन दुकानें आती थीं। 25 प्रतिशत कम पर रिंकू जायसवाल और सुमित जायसवाल ने ठेका लिया था। हालांकि इस बार वे लेने के मूड में नहीं हैं, क्योंकि घाटे वाला क्षेत्र है। सदर बाजार में कलाली चलती थी तो दूसरी दुकान जिंसी में है तो मूल राजबाड़ा पर है।



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